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रैगिंग मामलों में यूजीसी का सख्त रुख, इन कॉलेजों से मांगा जवाब

रैगिंग के खिलाफ सख्त कानून के बावजूद यूपी समेत देश के दस राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग पर रोक नहीं लग पा रही है। कॉलेजों में छात्रों के साथ आए दिन हो रही रैगिंग के मामले बेहद परेशान करने वाले हैं।

UGC takes strict stand on ragging cases
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  • Last Updated: February 5, 2025 15:32:27 IST

नई दिल्ली:   रैगिंग के खिलाफ सख्त कानून के बावजूद यूपी समेत देश के दस राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग पर रोक नहीं लग पा रही है। कॉलेजों में छात्रों के साथ आए दिन हो रही रैगिंग के मामले बेहद परेशान करने वाले हैं। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने नाराजगी जताई है। साथ ही आयोग ने इन कॉलेजों को नोटिस जारी कर पूछा है कि वे अपने कॉलेजों में रैगिंग रोकने में नाकाम क्यों रहे हैं। यहां अब तक रैगिंग पर लगाम क्यों नहीं लग पाई है?

18 मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट जारी

यूजीसी ने यूपी समेत देश के दस राज्यों में स्थित 18 मेडिकल कॉलेजों की सूची जारी की है, जहां अभी भी रैगिंग जारी है। इस सूची में उत्तर प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज का नाम है। यह राजधानी लखनऊ का डॉ. राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज है, जहां से भी रैगिंग की शिकायतें सामने आई हैं। यूजीसी ने इस कॉलेज से यह भी पूछा है कि वह बताए कि वहां अभी तक रैगिंग क्यों नहीं रोकी गई।

यूपी के इस अस्पताल का नाम भी शामिल

इस लिस्ट में यूपी के लोहिया अस्पताल के अलावा बिहार और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन कॉलेज शामिल हैं। जबकि असम, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी के दो-दो कॉलेज और उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के एक-एक कॉलेज शामिल हैं। इनमें प्रमुख कॉलेज हैं दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल, हमदर्द मेडिकल कॉलेज, बिहार का मधुबनी मेडिकल कॉलेज, कटिहार मेडिकल कॉलेज, राजकीय मेडिकल कॉलेज बेतिया और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज।

 

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