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UPPSC की परीक्षा में किसे मिलेगा नॉर्मलाइजेशन का फायदा ?

लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी की PCS और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. आज यानी 11 नवंबर को छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल इसी साल जनवरी के महीने में यूपीपीएससी ने एक […]

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  • Last Updated: November 12, 2024 21:11:51 IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी की PCS और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. आज यानी 11 नवंबर को छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल इसी साल जनवरी के महीने में यूपीपीएससी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें परीक्षा मार्च में होनी थी. जिसे अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया था.

इसके बाद यूपीपीएससी की एक और परीक्षा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा 11 फरवरी को होनी थी. जिसे पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दिया गया था. अब यूपीपीएससी दोनों परीक्षाएं अक्टूबर में कराने वाला था. लेकिन फिर आरओ एआरओ परीक्षा को दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया है. इसे लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

हंगामा किस बात पर है ?

यूपीएससी ने बताया कि आरओ और एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। दिसंबर में आरओ और एआरओ परीक्षा आयोजित करने के साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने यह भी बताया कि परीक्षा दो दिन दो शिफ्ट में होगी। यहीं से बवाल शुरू हुआ। छात्र दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ हैं। छात्रों का कहना है कि अगर पेपर दो शिफ्ट में होगा तो नॉर्मलाइजेशन हो जाएगा जिससे कुछ छात्रों को फायदा होगा।

किसे होगा फायदा ?

अगर पेपर दो शिफ्ट में होगा तो एक शिफ्ट में आसान सवाल आएंगे और दूसरी में मुश्किल सवाल। जिससे नॉर्मलाइजेशन होगा और कई छात्र परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। छात्रों की मांग है कि पेपर एक शिफ्ट में और एक दिन में होना चाहिए। इसको लेकर यूपीपीएससी का कहना है कि 6 लाख उम्मीदवारों की परीक्षा एक साथ आयोजित करने के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं हैं।

 

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