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Karnataka Election : मठों के शरण में राजनीतिक पार्टियों के नेता, कितना होगा फायदा ?

बेंगलुरू : विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे नेता मठों के पुजारियों से मिलने पहुंच रहे है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में जोरदार टक्कर देखने को मिलेगी. मठों के दरवाजों पर नेता सभी पार्टियों के नेता मठों में जाकर पुजारियों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे […]

मठों के दरवाजों पर नेता
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  • Last Updated: April 24, 2023 16:08:50 IST

बेंगलुरू : विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे नेता मठों के पुजारियों से मिलने पहुंच रहे है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में जोरदार टक्कर देखने को मिलेगी.

मठों के दरवाजों पर नेता

सभी पार्टियों के नेता मठों में जाकर पुजारियों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे है. इसी क्रम में जेडीएस के मौजूदा विधायक गौरीशंकर स्वामी सिद्धगंगा मठ पहुंचकर सिद्धलिंग महास्वामी के दर्शन किए. इस मठ की स्थापना 13वीं शताब्दी में हुई थी. मठ के पदाधिकारियों का कहना है कि हम लोग किसी के पक्ष में नहीं है. पदाधिकारियों ने कहा कि मठ के दरवाजे सभी के लिए खुले है.

वहीं विपक्षी पार्टियों के नेता बीजेपी पर आरोप लगा रहे है कि ये धर्म का इस्तेमाल कर के चुनाव को हिंदू-मुस्लिम बनाने की कोशिश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बार के विधानसभा चुनाव में लिंगायत समुदाय के वोटर बीजेपी से नाराज चल रहे है. इसलिए बीजेपी के नेता मठों के दौरा कर रहे है. बीजेपी अध्यक्ष भी कर्नाटक के कई मठों को दौरा कर चुके है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर है वे भी मठों में दर्शन करने के लिए जा सकते है.

10 मई को वोटिंग, 13 को नतीजे

गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा. राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी. जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई. जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.

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