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Karnataka Election : शरद पवार ने कर्नाटक चुनाव को लेकर की भविष्यवाणी, ये पार्टी दर्ज करेगी जीत

नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पंडित भविष्यवाणी करना शरू कर दिए है. इसी बीच कई वरिष्ठ नेताओं ने भी चुनाव परिणाम को लेकर भविष्यवाणी की है. राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस के पास चुनाव जीतने का अच्छा मौका है. उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव […]

शरद पवार
inkhbar News
  • Last Updated: April 8, 2023 22:38:47 IST

नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पंडित भविष्यवाणी करना शरू कर दिए है. इसी बीच कई वरिष्ठ नेताओं ने भी चुनाव परिणाम को लेकर भविष्यवाणी की है. राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस के पास चुनाव जीतने का अच्छा मौका है. उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव का मुद्दा अलग-अलग होता है. शरद पवार ने बताया कि दक्षिण में कर्नाटक को छोड़कर बीजेपी की कही सरकार नहीं है. इसका फायदा कांग्रेस को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिल सकता है.

मीडिया से बातचीत करते हुए शरद पवार ने कहा कि कई राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन बाद में विधायक बीजेपी के साथ चले गए. आगे बताया कि पंजाब, राजस्थान, सहित कई अन्य राज्यों में बीजेपी सत्ता में नहीं है.

विपक्ष को होना होगा एकजुट- शरद पवार

राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि अगर बीजेपी को हराना है तो विपक्ष को एकजुट होना होगा. अगर पूरे देश में विपक्ष एकजुट नहीं हुआ तो भाजपा को हराना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुकिन है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां चहती है कि कांग्रेस को विपक्षी एकता में न रखा जाए लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी को हम अलग नहीं रख सकते. शरद पवार ने कहा कि विपक्षी पार्टियां को लेकर हम एक बैठक करेंगे जिसमें बिहार के सीएम, पश्चिम बंगाली की सीएम और कई राज्यों के नेता शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे है कि हम लोग जल्दी बैठक करे.

जेपीसी पर पवार का रूख अलग

शरद पवार एक तरफ विपक्षी एकता को साथ लेकर चलने की बात कर रहे हैं वहीं अडाणी मुद्दे पर शरद पवार का रूख अलग है. पूरा विपक्ष चाहता है कि अडाणी मामले में जेपीसी का गठन हो लेकिन शरद पवार की इस मुद्दे पर राय अलग है. शरद पवार अपने बयान में जो कहना चाहते है उसका मतलब ये है कि जेपीसी में सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों की संख्या ज्यादा होती है.