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मदद के लिए आगे आया इफको, किसानों को 10 करोड़ की सहायता देगा

नई दिल्ली. देश में जब बैमौसम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है ऐसे में देश की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने किसानों की तरफ अपनी मदद के हाथ बढ़ाए हैं. इफको के निदेशक मंडल ने बैमौसम बारिश से बुरी तरह प्रभावित किसानों को तुरंत वित्तीय सहायता की घोषणा की है. […]

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  • Last Updated: April 23, 2015 13:06:31 IST

नई दिल्ली. देश में जब बैमौसम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है ऐसे में देश की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने किसानों की तरफ अपनी मदद के हाथ बढ़ाए हैं. इफको के निदेशक मंडल ने बैमौसम बारिश से बुरी तरह प्रभावित किसानों को तुरंत वित्तीय सहायता की घोषणा की है. 40,000 सहकारी समितियों की सदस्यता वाली सहकारी संस्था इफको ने इस सहायता के लिए 10 करोड़ रुपये निर्धारित किये हैं.

इफको के निदेशक मंडल और इफको अध्यक्ष ने किसानों से हिम्मत ना हारने की अपील करते हुए कहा है कि इफको हमेशा किसानों के साथ है. इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई ने कहा है कि यह राशि इफको किसान सेवा ट्रस्ट (आईकेएसटी) के माध्यम से दी जाएगी जिसकी स्थापना किसानों को चिकित्सा सहायता या किसी प्राकृतिक आपदा के समय सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी ताकि किसान उस आपदा से तुरन्त उबर सकें.

आईकेएसटी आपदा के समय किसानों तथा उनके परिजनों को चिकित्सा, वित्तीय अथवा अन्य किसी भी प्रकार की सहायता सुलभ कराता है. हाल ही में बैमौसम बारिश ने देश, विशेषकर उत्तर तथा मध्य भारत, के किसानों पर कहर ढाया है. प्रबंध निदेशक डा. उदय शंकर अवस्थी ने बताया कि इफको द्वारा राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह के परिवार को एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी जिन्होंने हाल ही में आत्महत्या जैसा कदम उठाया था.

 इस सहायता को किसानों तक पहुंचाने के तरीके पर अवस्थी ने कहा कि ‘इफको इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपने तंत्र के माध्यम का उपयोग करेगी. उन्होंने कहा कि, ‘हमारे सभी विपणन कर्मचारी, सदस्य सहकारी समितियों के सदस्यगण, प्रतिनिधिगण, निदेशकगण या इफको से जुड़ा हुआ अन्य कोई, ऐसे किसानों का पता लगाएंगे जिन्हें तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. ऐसे किसानों को सरकार से प्राप्त अन्य किसी सहायता के अलावा ₨ 25,000 की सहायता प्रदान की जाएगी.’ आईकेएसएल को अपने नेटवर्क के माध्यम से इस संदेश को किसानों तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया है.

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