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कभी सोचा, आखिर क्यों पेड़ों को अक्सर सफेद, लाल और नीले रंगों से पेंट कर दिया जाता है

अगर आप गांव में नहीं रहते या फिर शहर में रहते हैं फिर भी आपने सड़क किनारे या खेतों में सफेद रंग से रंगे हुए पेड़ों को देखा होगा. आपने सफर के दौरान एक चीज जरूर नोटिस की होगी कि सड़क के किनारे पेड़ का निचला हिस्सा रंगो होता है. मगर क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि आखिर पेड़ का ये नीचला हिस्सा रंगा होता क्यों हैं?

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  • Last Updated: July 16, 2017 15:43:47 IST
नई दिल्ली:  अगर आप गांव में नहीं रहते या फिर शहर में रहते हैं फिर भी आपने सड़क किनारे या खेतों में सफेद रंग से रंगे हुए पेड़ों को देखा होगा. आपने सफर के दौरान एक चीज जरूर नोटिस की होगी कि सड़क के किनारे पेड़ का निचला हिस्सा रंगो होता है. मगर क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि आखिर पेड़ का ये नीचला हिस्सा रंगा होता क्यों हैं?
 
अगर आप इस बात से अनजान हैं तो आपको ठहरकर एक बार इसे पढ़ना जरूर चाहिए. अगर आप समझते हैं कि इसके पीछे कोई खास कारण नहीं है, तो आप गलत हैं. दरअसल, इसकी कई वजहें हैं.
 
 
हाईवे सड़क के किनारे लगे पेड़ों को इसलिए भी सफेद रंग से रंग दिया जाता है, ताकि रात के समय में यह ज्यादा विजिबल हो. यानी कि रात के समय में भी ज्यादा दिखाई दे. हालांकि, कई जगहों पर ये कई रंगों से रंग दिये जाते हैं. मसलन, सफेद, लाल, ब्लू आदि. 
 
पेड़ों के नीचले हिस्से में सफेद रंग से पेंट करने की सबसे महत्वपूर्ण वजह ये है कि ऐसा करने से पेड़ के नए छाल को खुर और फटने से बचाया जाता है. क्योंकि इसमें काफी आसानी से कीड़े और कवक लग सकते हैं. अगर पेंट नहीं किया जाए तो पेड़ में कीड़े-मकौड़े लग सकते हैं, जिससे पेड़ों को नुकसान पहुंच सकता है. साथ ही रंग से रंगने से संक्रमण या फिर कीडों के अटैक को आसानी से देखा जा सके और समय रहते उसका उपचार किया जा सके. 
 
 
माना ये भी जाता है कि पेड़ों के नीचले हिस्से को रंग देने से एक फायदा ये भी होता है कि पेड़ों की छाल पर डायरेक्ट पड़ने वाले कठोर सूर्य की रोशनी से इसका बचाव होता है. 
 
सड़क किनारे पेड़ों को रंगने का ये भी मतलब होता है कि ये सारे पेड़ सरकारी संपत्ति के अंतर्गत आते हैं और सरकार अथवा वन विभाग द्वारा इनकी देखरेख की जाती है. 
 

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