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89 साल पुराना शादी का कार्ड वायरल, पढ़कर लोग भी हैं हैरान

नई दिल्ली: 89 साल पुराना उर्दू में लिखा वेडिंग कार्ड इन दिनों इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है. शादी का कार्ड पूरी तरह से उर्दू में सफेद कागज पर लिखा हुआ है। खूब वायरल हो रहा है वेडिंग कार्ड बदलते समय के अनुसार जमाना भी बदल रहा है. एडवांस टेक्नॉलॉजी के समय में कई […]

Wedding Card Viral
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  • Last Updated: January 1, 2023 16:27:35 IST

नई दिल्ली: 89 साल पुराना उर्दू में लिखा वेडिंग कार्ड इन दिनों इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है. शादी का कार्ड पूरी तरह से उर्दू में सफेद कागज पर लिखा हुआ है।

खूब वायरल हो रहा है वेडिंग कार्ड

बदलते समय के अनुसार जमाना भी बदल रहा है. एडवांस टेक्नॉलॉजी के समय में कई चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं, शादी के फंक्शन की बात करे तो पहले के समय की तुलना में अब कई चीजों में परिवर्तन देखने को मिल रहा है, फिर चाहे शादी में डेकोरेशन हो या शादी के कार्ड्स. आप में से कई लोगों ने अपने माता-पिता की शादी का कार्ड्स जरूर देख होगा। लेकिन दादा-दादी के समय में शादी के कार्ड्स कैसे होते होंगे क्या आपने कभी सोचा है? इन दिनों सोशल मीडिया पर एक 89 साल पुराना उर्दू में लिखा वेडिंग कार्ड खूब वायरल हो रहा है, जिसे देख हर कोई चौंक गया है।

उर्दू में लिखा हुआ है

एडवांस टेक्नॉलॉजी के चलते अब शादी के कार्ड भी अलग स्टाइल में प्रिंट होने लगे हैं. आज के समय में शादियों के कार्ड्स कई डिजाइन के साथ देखने को मिल जाते हैं. वहीं आज के मुकाबले पहले के समय काफी सादगी रंग के साथ शादी के कार्ड्स डिजाइन किए जाते थे. कुछ दिनों पहले से एक ऐसा ही शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। इस शादी के कार्ड में उर्दू में भाषा का इस्तेमाल किया गया है। कहा जा रहा है कि ये 89 साल पुराना यानी 1933 का कार्ड है।

खुदा का धन्यवाद

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ट्विटर पर यह वेडिंग कार्ड की तस्वीर @SonyaBattla2 नाम के हैंडल पर शेयर की गई है. इस पुराने शादी के कार्ड को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा कि साल 1933 में हुई मेरे दादा-दादी की शादी का इन्विटेशन कार्ड. कॉफी ब्राउन शेड वाले कार्ड में आप साफ-साफ देख सकते है कि उर्दू में लिखा हुआ हैं. इसमें एक शख्स 23 अप्रैल,1933 को अपने बेटे की शादी के न्योते देने के लिए पत्र लिख रहा है. इसमें साफ-साफ लिखा हुआ है कि पैगंबर मोहम्मद को मेरा सम्मान. आदरणीय महोदय, आपको खुदा सलामत रखे और इस अच्छे वक्त के लिए खुदा का धन्यवाद करता हूं. मेरे प्रिय बेटे हाफिज मोहम्मद युसूफ का निकाह 2 अप्रैल 1933, रविवार को निश्चित हुआ है. आगे यह लिखा हुआ है कि मैं आपको गली कासिम जान स्थित अपने घर आने का न्योता देता हूं, जहां से किशनगंज स्थित दुल्हन के घर निकाह के लिए हम जाएंगे और इसके बाद दावत होगी।

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