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चार साल के बच्चे को मिली उम्रकैद की सजा, वजह जान कर हो जाएंगे हैरान

नई दिल्ली: जीवन में किसी न किसी से कोई न कोई गलती जरूर होती है। परंतु इस बार एक बच्चे से ऐसी गंभीर गलती हुई कि इसका खामियाजा उसको काफी महंगा पड़ गया। दरअसल एक बच्चे की गलती के कारण उसको अदालत ने उम्रकैद की सजा सुना दी। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला? […]

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  • Last Updated: August 27, 2024 09:47:43 IST

नई दिल्ली: जीवन में किसी न किसी से कोई न कोई गलती जरूर होती है। परंतु इस बार एक बच्चे से ऐसी गंभीर गलती हुई कि इसका खामियाजा उसको काफी महंगा पड़ गया। दरअसल एक बच्चे की गलती के कारण उसको अदालत ने उम्रकैद की सजा सुना दी। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

4 साल के बच्चे को उम्रकैद की सजा

जानकारी के अनुसार 4 साल के बच्चे मंसूर कुरानी अली अदालत में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसी कारण से मंसूर कुरानी अली को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। जानकारी के अनुसार बच्चे पर 8 लोगों को जान से मारने की कोशिश के आरोप के साथ-साथ 4 लोगों की हत्या करना और पुलिस को धमकाने की भी सजा भी सुनाई गई। मिस्त्र के लोगों को इस घटना की जानकारी मिली तो पूरे देश ने मिलकर 4 साल के बच्चे मंसूर कुरानी अली को मिली सजा के इस फैसले का विरोध किया। जानकारी के अनुसार मंसूर के खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए थे। परंतु बगैर जांच और पड़लात किए बिना ही उसको सजा दे दी गई थी।

नतीजे देखकर सभी चौंक गए

जानकारी के अनुसार लोगों ने जमकर कोर्ट के फैसले के विरूद्ध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं लोगों ने सोशल मीडिया पर जैसे ही इस केस के बारे में सुना तो उनके होश उड़ गए। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस घटना कि निंदा करना शुरू कर दिया। विश्व स्तर पर ये घटना लोगों के सामने आने लगी तो मिस्त्र के कानून की लोगों द्वारा कड़ी निंदा होने लगी। इसके दवाब में आकर इस घटना की दोबारा जांच के कोर्ट ने आदेश दिए। जानकारी के अनुसार जांच के नतीजे सामने आते ही लोग चौंक गए। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन अपराधों के लिए 4 साल के मासूम को दोषी ठहराया गया था और जिस सजा के कारण उसको सलाखों के पीछे सजा काटने के लिए डाला गया है, वह सभी आरोप झूठे थे। जानकारी के अनुसार मंसूर ने ऐसा कुछ जुर्म किया ही नहीं था। जानकारी के अनुसार मासूम बच्चे को अन्य 115 लोगों के साथ दो 2014 में हुए मिस्त्र में दंगे में भाग लेने के लिए दोषी पाया था। इस घटना के बाद जब इस मामले की जांच की गई तो कोर्ट ने मंसूर के पिता से मांफी की मांग की।

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