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2.5 करोड़ की लॉटरी लगने के बाद भी शख्स को नहीं पता सच!

नई दिल्ली: देने वाला जब भी देता है तो छप्पर फाड़ के देता है। ये सिर्फ एक कहावत नहीं है। ऐसा सच में भी होता है। एक आदमी ने 33 साल तक लॉटरी खेली। लेकिन 30 अप्रैल, 2023 को उसकी किस्मत चमक गई। वह आदमी सिर्फ एक दिन में करोड़पति बन गया। इस शख्स ने […]

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  • Last Updated: May 5, 2023 16:54:43 IST

नई दिल्ली: देने वाला जब भी देता है तो छप्पर फाड़ के देता है। ये सिर्फ एक कहावत नहीं है। ऐसा सच में भी होता है। एक आदमी ने 33 साल तक लॉटरी खेली। लेकिन 30 अप्रैल, 2023 को उसकी किस्मत चमक गई। वह आदमी सिर्फ एक दिन में करोड़पति बन गया। इस शख्स ने 2.5 करोड़ की लॉटरी जीती। मजेदार बात यह है कि लॉटरी जीतने वाले को 3 दिन तक पता ही नहीं चला कि उसका नंबर लग गया है।

 

➨ रातों-रात किसान बना करोड़पति

मिली जानकारी के मुताबिक लॉटरी जीतने वाले शख्स का नाम भालाराम बताया जा रहा है। भालाराम पंजाब के फाजिल्का के रामकोट का रहने वाला है। वह पेशे से किसान हैं। इसके पास 9 एकड़ जमीन है। वह साल 1990 से लॉटरी खेल रहा है। इससे पहले पिछले हफ्ते उसने 9 हजार का इनाम जीता था। और इससे पहले 2 हजार व 50 हजार जैसे इनाम जीते थे। ऐसे में करोड़पति बन जाने पर भालाराम ने कहा :

man won 2.5 crore lottery

➨ नहीं था लॉटरी लगने का अहसास

‘पहले भी मेरी लॉटरी निकल चुकी है इसलिए मैंने कभी भी गेम खेलना नहीं छोड़ा। 3 मई की शाम को जब मैं बिरादरी में बैठा था तो मुझे खबर मिली कि फाजिल्का में किसी की लॉटरी लग गई है। बाद में मैंने भी अपना टिकट नंबर चेक किया। जिसके बाद मुझे पता चला कि मैंने लॉटरी जीती है। इससे पहले बड़े भाई की घर में ही मौत हो गई थी। इसलिए चेक करने का समय नहीं मिला है। ‘भालाराम के दो बच्चे हैं: एक बेटा, एक बेटी। बड़ा भाई भी अपने पीछे एक पुत्र व पुत्री छोड़ गया है। भलाराम अपने बच्चों के बचपन की शिक्षा में लॉटरी से पैसे डालना चाहते हैं।

 

…. तब जाकर मिला विनर

रिपोर्ट के अनुसार, लॉटरी निकालने वाले मालिक बॉबी बवेजा ने बताया, ‘मैं पिछले कुछ सालों से लॉटरी का काम कर रहा हूं। हाल ही में मेरी दुकान पर 2.5 करोड़ रुपए के इनाम का निकला था। लेकिन उसके विजेता नहीं मिल रहा था। मैंने समाचार पत्रों, सभी मीडिया के माध्यम से विजेता को खोजने का प्रयास किया। इधर विजेता के घर में उसके भाई की मौत हो गई थी। जिसके चलते भालाराम व्यस्त था।

 

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इसलिए वह लॉटरी टिकट चेक नहीं कर सका। उसके पास एक कीपैड फोन है। इसलिए उसे इसका पता नहीं चला। तभी उन्हें कहीं से खबर मिली कि फाजिल्का में किसी की लॉटरी लगी है। तब उन्हें अहसास हुआ कि उनके पास भी टिकट है। फिर उसने अपना टिकट चेक किया। भालाराम ने किसी के मोबाइल फोन से टिकट नंबर का मिलान किया और आज सुबह मुझे फोन किया।”

 

 

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