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नाइट्रोजन पान’ को खाते ही लड़की के अंदर हुआ छेद, डॉक्टर ने कहा… जल्दी कराओ ऑपरेशन

नई दिल्ली: अगर आपको भी स्मोक पान खाने का शौक है, तो आप भी सतर्क हो जाइए. दरअसल, मैं ऐसा इसलिए बोल रहा हूं कि अनन्या के साथ जो घटना घटी है,कहीं आपके साथ भी न हो जाए. तो चलिए बताते हैं आपको आखिर क्या है पूरा मामला. बता दें कि 12 साल की बच्ची […]

The girl got a hole inside after eating 'nitrogen paan
inkhbar News
  • Last Updated: May 20, 2024 17:22:21 IST

नई दिल्ली: अगर आपको भी स्मोक पान खाने का शौक है, तो आप भी सतर्क हो जाइए. दरअसल, मैं ऐसा इसलिए बोल रहा हूं कि अनन्या के साथ जो घटना घटी है,कहीं आपके साथ भी न हो जाए. तो चलिए बताते हैं आपको आखिर क्या है पूरा मामला. बता दें कि 12 साल की बच्ची के लिए लिक्विड नाइट्रोजन पान खाने का मजेदार अनुभव उस वक्त बदला जब उसे पान खाने की वजह से पेट में दर्द उठने लगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जब अनन्या ने स्मोक पान खाया तो, उसको अप्रैल महीना के आखिरी में पेट में दर्द उठने लगा. इसके बाद उसके परिवार वाले उस को लेकर अस्पताल गए, जहां डॉक्टर ने देखने के बाद बताया कि अनन्या के पेट में छेद हो गया है.

 

स्मोक पान खाने का हुआ शौक

 

वहीं इस बारे में बात करते हुए अनन्या ने बताया कि मैं दूसरे लोग को खाते देख मुझे भी शोक हुआ कि मैं भी खाऊ, इसलिए मैंने ये पान ट्राई करने के बारे में सोचा. काफी लोगों ने खाया,तो उन्हें दर्द नहीं हुआ, लेकिन मुझे दर्द ऐसा हुआ कि वो बर्दाश्त से बाहर था. HSR लेआउट के पास नारायण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में डॉक्टर ने तुरंत ही अनन्या से कहा कि वो सर्जरी कराए.

बता दें कि अनन्या को इंट्रा-ऑप ओजीडी स्कोपी और स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी के साथ एक एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी से सामना करना पड़ा. वहीं ऑपरेशन सर्जन डॉ. विजय एचएस ने बताया कि इंट्रा-ऑप ओजीडी स्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जहां एक एंडोस्कोप, एक कैमरा और रोशनी से सुसज्जित एक लचीला ट्यूब का उपयोग कर के सर्जरी के दौरान अन्नप्रणाली, पेट की जांच करने के लिए  किया जाता है. बता दें कि इस सर्जिकल टीम का नेतृत्व डॉ. विजय एचएस ने किया था.

 

डॉक्टर ने क्या बताया?

 

बता दें कि नारायण अस्पताल के मुताबिक, 20 डिग्री सेल्सियस पर 1:694 के तरल-से-गैस विस्तार अनुपात के साथ लिक्विड नाइट्रोजन, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम को पैदा करता है. किसी बंद जगह होने के वजह से लिक्विड नाइट्रोजन के तीव्र वाष्पीकरण से काफी जोड़ पड़ता है.

इसकी वजह से त्वचा को नुकसान भी हो सकता है, वहीं साथ ही साथ रसोई में काम करने वाले या फिर खाघ्य संचालकों को भी इससे उनके स्वास्थ्य भी खराब हो सकता हैं. जब लिक्विड नाइट्रोजन की स्मोक को अंदर लेंगे तो , आपको सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती हैं.

 

 

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