Inkhabar
  • होम
  • खबर जरा हटकर
  • टूटे फ़ोन से कोडिंग सीख कर, Harvard University पहुंचा 12 वर्षीय किसान का बेटा

टूटे फ़ोन से कोडिंग सीख कर, Harvard University पहुंचा 12 वर्षीय किसान का बेटा

नई दिल्ली : 12 साल के कार्तिक जाखड़ अब अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर रहे हैं. कार्तिक ने टूटे हुए फ़ोन से कोडिंग सीख कर तीन लर्निंग ऐप बनाए हैं. उन्होंने यूट्यूब के सहारे कोडिंग करना सीखा और फिर लर्निंग ऐप बना डाले. कार्तिक का ऐप मददगार भी साबित हो […]

kartik bakheda
inkhbar News
  • Last Updated: July 30, 2022 20:54:49 IST

नई दिल्ली : 12 साल के कार्तिक जाखड़ अब अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर रहे हैं. कार्तिक ने टूटे हुए फ़ोन से कोडिंग सीख कर तीन लर्निंग ऐप बनाए हैं. उन्होंने यूट्यूब के सहारे कोडिंग करना सीखा और फिर लर्निंग ऐप बना डाले. कार्तिक का ऐप मददगार भी साबित हो रहा है. जिसकी मदद से आज 45 हजार से ज्यादा बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है.

टूटे फ़ोन से सीखी कोडिंग

किसी ने सही ही कहा है कि सफलता सुविधाओं की मोहताज नहीं होती….ये वाक्या सटीक बैठता यही हरियाणा के एक गांव में रहने वाले 12 साल कार्तिक जाखड़ पर. कार्तिक ने महज 12 साल की उम्र का अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को उन्हें शिक्षा देने के लिए मजबूर कर दिया है. कार्तिक में सीखने की इतनी लगन है कि उसने टूटी हुई स्क्रीन वाले मोबाइल फोन से कोडिंग सीख कर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया है. महज 12 साल की उम्र में कार्तिक कई पुरस्कार भी प्राप्त कर चुका है. जिनमें चाईल्ड प्रॉडिजी अवॉर्ड, ओमएजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का नाम शामिल है.

मिले कई सम्मान

दिल्ली से करीब 100 किमी दूर हरियाणा के झज्जर जिले के झासवा गांव में कार्तिक अपने किसान परिवार के साथ रहता है. 12 वर्षीय कार्तिक का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. इस बच्चे की उपलब्धि यह है कि उसने तीन लर्निंग ऐप इजाद किए. लेकिन इन ऐप को बनाने के लिए कार्तिक ने किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ली है. आठवीं कक्षा में पढ़ रहे कार्तिक ने तो टूटे फ़ोन के जरिए यूट्यूब से कोडिंग सीखकर ऐप बनाए हैं. इन तीनों ऐप का नाम, पहला लूसेंट जीके ऑनलाईन, दूसरा ऐप श्री राम कार्तिक लर्निंग सेंटर जिसमें कोडिंग और ग्राफिक्स डिजाइनिंग की शिक्षा दी जाती है और तीसरा श्री राम कार्तिक डिजिटल एज्यूकेशन है जो ऐप डिजिटल एजूकेशन से संबिंधत है.

देश के लिए कुछ करना चाहते हैं कार्तिक

कार्तिक के पिता एक किसान हैं. वह खेती बाड़ी कर अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. कार्तिक अब हावर्ड युनिवेर्सिटी में पढ़ने के बारे में बताते हैं कि वह भले ही पढ़ने के लिए विदेश जा रहे हैं. लेकिन उन्हें अपने देश में ही रहकर यहां के लिए कुछ करना है.