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तेलंगाना की रहने वाली हिबा फातिमा ने कायम की मिसाल, श्रीमद्भगवद्गीता का उर्दू में ट्रांसलेशन

Heba Fatima: तेलंगाना राज्य से आपसी इत्तेहाद की ख़बर सामने आई हैं. जहाँ एक मुस्लिम बेटी हिबा फ़ातिमा ने मोहब्बत और आपसी भाईचारे की ऐसी नज़ीर पेश की है जिससे वाकई पूरे मुल्क को नाज़ हो रहा है. बता दें, हिबा ने श्रीमद्भगवद्गीता के सभी 18 अध्यायों व 700 श्लोकों का उर्दू में तर्जुमा किया […]

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  • Last Updated: November 25, 2022 21:43:19 IST

Heba Fatima: तेलंगाना राज्य से आपसी इत्तेहाद की ख़बर सामने आई हैं. जहाँ एक मुस्लिम बेटी हिबा फ़ातिमा ने मोहब्बत और आपसी भाईचारे की ऐसी नज़ीर पेश की है जिससे वाकई पूरे मुल्क को नाज़ हो रहा है. बता दें, हिबा ने श्रीमद्भगवद्गीता के सभी 18 अध्यायों व 700 श्लोकों का उर्दू में तर्जुमा किया है. साथ ही हिबा फ़ातिमा ने अपने इस अमल से मज़हब के नाम पर सियासत करने वालों को करारा जवाब दिया है. आइए आपको तेलंगाना की रहने वाली इस मुस्लिम बेटी हिबा फ़ातिमा से रूबरू कराते हैं:

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कौन है हिबा फातिमा?

 

बकौल फातिमा के घरवाले, फातिमा शुरू से ही मज़हब को ज्यादा तरजीह देती थी और उसे मज़हबी किताबों को पढ़ने में बेहद दिलचस्पी हैं. हिबा फ़ातिमा तेलंगाना के निज़ामाबाद ज़िले की रहने वाली है. महज तीन महीने में हिबा ने श्रीमद्भगवद्गीता का उर्दू में तर्जुमा किया है. जानकारी के लिए बता दें, श्रीमद्भगवद्गीता में कुल 18 अध्याय व 700 श्लोक है.

 

“क़ुरान और श्रीमद्भगीता के बीच समानता”

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खबरों के मुताबिक, हिबा फ़ातिमा ने क़ुरान-ए-पाक और श्रीमद्भगीता की तिलावत के बाद एक किताब लिखी। बकौल हिबा फातिमा इस किताब का नाम ‘क़ुरान और श्रीमद्भगीता के बीच समानता’ है. इस किताब की ख़ुसूसी बातों पर रौशनी देते हुए फातिमा ने फ़रमाया कि इस किताब को कोई भी बेहद आसानी से समझ सकता है और इसकी तिलावत कर सकता है. गीता के इस उर्दू तर्जुमे में फ़ातिमा को क़रीबन तीन महीने का वक्त लगा. हिबा को इतना समय इसलिए लगा क्योंकि उसकी इश्तियाक यह थी कि आसान से आसान तरीक़े से लोग इसे समझ सके.

 

सबसे पहला मज़हब है इंसानियत- हिबा

 

हिबा फ़ातिमा ने कहा कि “गीता और क़ुरान-ए-पाक की तालीम हासिल करने के बाद उसे यही इल्म हुआ कि दोनों ही किताबों के करीब 500 श्लोक एक जैसी ही तालीम देते हैं और इन सभी को उसने इस किताब में शुमार किया है. हिबा ने कहा कि इंसानियत हमारा सबसे पहला मज़हब होना है. हिबा के इस कारनामे पर लोग उसे दिल से तारीफ पेश कर रहे है.

 

 

 

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