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khabar Jara Hat kar: इस आइलैंड पर मुफ्त में बांटी जा रही जमीन, फिर भी कोई नहीं चाहता बसना

नई दिल्ली। हर व्यक्ति का ये सपना होता है कि किसी बढ़िया स्थान पर उसका अपना घर हो। घर को बनाने के लिए एक आम आदमी अपने जीवन भर की कमाई का लगा देता है। क्या आपको कोई घर बनाने के लिए मुफ्त में जमीन देगा, तो आप इस ऑफर को छोड़ देंगे(khabar Jara Hat […]

khabar Jara Hat kar
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  • Last Updated: January 9, 2024 20:00:16 IST

नई दिल्ली। हर व्यक्ति का ये सपना होता है कि किसी बढ़िया स्थान पर उसका अपना घर हो। घर को बनाने के लिए एक आम आदमी अपने जीवन भर की कमाई का लगा देता है। क्या आपको कोई घर बनाने के लिए मुफ्त में जमीन देगा, तो आप इस ऑफर को छोड़ देंगे(khabar Jara Hat kar)? दरअसल, एक ऐसी जगह सामने आई है जहा लोगों को मुफ्त में रहने के लिए जमीन मिल रही है लेकिन उसे लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। आइए जानते हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है?

जानें पूरा मामला

दरअसल, द्वीपों पर लोग अक्सर शांति की तलाश जाते हैं। मगर यहां पर बसना नहीं चाहते। वर्तमान समय में कुछ देश बढ़ती जनसंख्या से परेशान हैं। जिसके चलते लोगों को एक जगह पर बुलाकर बसाया जा रहा है। वह जगह Pitcairn आइलैंड। यहां की सरकार बढ़ती जनसंख्या को लेकर परेशान है। जिसे देखते हुए, सरकार की तरफ से Pitcairn आइलैंड पर आकर बसने वाले लोगों को मुफ्त में जमीन दी जा रही है। हालांकि, मुफ्त में जमीन मिलने के बाद भी साल 2015 से लेकर अब तक सिर्फ एक ही आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है।

इसलिए यहां नहीं बसना चाहते लोग

वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां दुनिया का सबसे छोटा समुदाय रहता है जिसमें मात्र 50 लोग रहते हैं (khabar Jara Hat kar)। यहां पर सिर्फ दो बच्चे हैं और यहां कोई स्कूल भी नहीं है। इस वजह से बच्चों को पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता है। यहां पर शहरों की तरफ शोरगुल नहीं है। लोग यहां अपनी छोटी दुनिया में खुश रहते हैं। इस द्वीप पर रहने वाली एक 21 वर्षीय टोरिका क्रिश्चियन के अनुसार, सिर्फ 1 मील लंबा और 1 मील चौड़ा यह आइलैंड दुनिया से अलग है। यहां पर कोई एयरपोर्ट नहीं है। यहां पर लोग सप्लाई वाले जहाजों से यात्रा करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सप्लाई वाला जहां यहां पर हफ्ते में बस दो दिन के लिए आता है। जो कि पिटकैर्न आइलैंड से गैंबियर आइलैंड तक चलता है।

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उपलब्ध हैं सारी सुविधाएं

यही नहीं, इस जगह पर घूमने वाले लोग भी इसी जहाज से यहां आते हैं। इस आइलैंड को साल 1978 में बसाया गया था। यहां के लोग आइलैंड के स्टैंप, मॉडल शिप्स और फिश वॉल से कमाई करते हैं। इस आइलैंड पर जनरल स्टोर, जिम, मेडिकल सेंटर, लाइब्रेरी, टूरिज़्म ऑफिस और बेसिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। मगर यहां पर शांति होने के कारण लोग यहां बसना नहीं चाहते हैं।