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मिलिए भारत की पहली जासूस महिला से, झट से सुलझाती है गुत्थी

नई दिल्ली: MI-6 Agent James Bond या Private Detective Sherlock Holmes की फिल्में देखकर लोग बेहद खुश होते हैं। देश की एक बड़ी आबादी ऐसी फ़िल्में टेलीविजन पर देखकर बड़ी हुई है। कई लोग इन सभी जासूसों की तेज दिमाग और चाल के मुरीद रहे होंगे। आज हम आपको भारत की पहली महिला जासूस के […]

मिलिए भारत की पहली जासूस महिला से, झट से सुलझाती है गुत्थी
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  • Last Updated: January 26, 2023 17:51:30 IST

नई दिल्ली: MI-6 Agent James Bond या Private Detective Sherlock Holmes की फिल्में देखकर लोग बेहद खुश होते हैं। देश की एक बड़ी आबादी ऐसी फ़िल्में टेलीविजन पर देखकर बड़ी हुई है। कई लोग इन सभी जासूसों की तेज दिमाग और चाल के मुरीद रहे होंगे। आज हम आपको भारत की पहली महिला जासूस के रूप में जानी जाने वाली रजनी पंडित के बारे में बता रहे हैं। उसकी कहानी इन सभी काल्पनिक पात्रों से बहुत अलग है। मुंबई की रहने वाली रजनी पंडित अब तक 75 हजार से ज्यादा केस सॉल्व कर चुकी हैं। अपने तेज दिमाग से उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाते हुए उन्हें 35 साल से ज्यादा हो गए हैं।

 

बचपन में नहीं चाहती थी जासूस बनना

सीआईडी ​​अफसर की बेटी रजनी पंडित के मुताबिक बचपन में वह जासूस नहीं बनना चाहती थी। उन्होंने मुंबई में मराठी साहित्य का अध्ययन किया। जब वह कॉलेज में थी, तब उनकी दोस्त एक गलत संगत में पड़ गई थी। उसकी दोस्त सिगरेट पीने और शराब पीने लगा था। इतना ही नहीं, वह गलत लोगों के साथ बहुत ज्यादा समय बिताने लगी थी। इसके आबाद रजनी ने तोहफा भेजने की बात कहकर अपनी दोस्त के ऑफिस का पता पूछ लिया। इसके बाद रजनी अपनी दोस्त के ऑफिस चली गईं। इसके बाद अपनी दोस्त के घर का पता भी निकाल लिया। फिर उसने घर आकर उसे सारी बात बताई। जब उनकी दोस्त के घर वाले नहीं माने तो रजनी ने सबकुछ दिखा दिया. इसके बाद दोस्त के पिता ने कहा कि आप तो जासूस हो. यहीं से उन्होंने तय किया कि उन्हें भविष्य में क्या करना है।

 

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जब खुद रजनी पंडित एक केस में हुई गिरफ्तार

रजनी पंडित खुद एक बार मुसीबत में पड़ गई थी। वास्तव में, उन्हें और उनके कुछ साथी जासूसों को ठाणे पुलिस ने विस्तृत कॉल लॉग गलत तरीके से हासिल करने के मामले में गिरफ्तार किया था। रजनी पर पांच लोगों के सीडीआर हासिल करने और बेचने का आरोप था। यही नहीं अपने किरदार को लेकर वह कहती हैं कि एक जासूस में साहस के साथ-साथ अभिनय का कौशल भी होना चाहिए। वास्तव में, प्रत्येक नए मामले के साथ, उसने अपना रूप और पहचान बदल दी। कभी किसी के घर नौकरानी बनकर आती, तो कभी कहीं बहरी-मूक बनकर बैठ जाती। अब तक उन्होंने दो किताबें ‘फेसेस बिहाइंड फेसेस’ और ‘मायाजाल’ लिखी हैं। अब तक वह कई लोगों को जासूसी का कोर्स भी करा चुकी है।

 

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