नई दिल्ली : दुनिया भर में नए साल 2025 का जश्न मनाया जाने लगा है। न्यूजीलैंड की राजधानी ऑकलैंड के लोगों ने सबसे पहले नए साल का जश्न मनाना शुरू किया। यहां 31 दिसंबर की रात 12 बजते ही लोग सड़कों पर निकल आए और बड़े ही जोश के साथ नए साल का स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने पटाखे भी फोड़े। इस बार नया साल भारत से 7 घंटे पहले मनाया जा रहा है।
पृथ्वी के घूमने के कारण दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में टाइम ज़ोन अलग-अलग है, जिसके कारण दुनिया के देश अलग-अलग समय पर नए साल का स्वागत करते हैं। दुनिया को प्रत्येक देशांतर के आधार पर 24 टाइम ज़ोन में बांटा गया है, प्रत्येक का अपना मानक समय है, यही वजह है कि अलग-अलग देशों में नया साल अलग-अलग समय पर मनाया जाता है। भारत भारतीय मानक समय (IST) का पालन करता है, जो समन्वित सार्वभौमिक समय (UTC +5:30) से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।
आज रात जैसे ही घड़ी की सुई 12 बजाएगी, भारतवासी 2024 को अलविदा कह देंगे और 2025 का स्वागत करेंगे। अलग-अलग टाइम जोन की वजह से दुनिया भर के देशों में नया साल अलग-अलग समय पर मनाया जाता है। भारत से पहले 41 देश ऐसे हैं जहां नया साल मनाया जाता है।
किरीटीमाटी द्वीप (क्रिसमस द्वीप) पर सबसे पहले नया साल मनाया गया था। भारतीय समय के अनुसार, आज दोपहर 3.30 बजे यहाँ वर्ष 2025 की शुरुआत हुई। यह द्वीप प्रशांत महासागर में स्थित है और किरिबाती गणराज्य का हिस्सा है। यहाँ का समय भारत से 7.30 घंटे आगे है, यानी जब भारत में दोपहर 3:30 बजे होते हैं, तो किरीटीमाटी में रात के 12 बज रहे होते हैं।
किरीटीमाटी द्वीप में नए साल की शुरुआत के कुछ मिनट बाद ही न्यूजीलैंड के टोंगा और चैथम द्वीप में भी नए साल का जश्न मनाया जाता है। सब से आखिरी नए साल का जश्न अमेरिकी समोआ और दक्षिण प्रशांत में नियू द्वीप में मनाया जाता है।
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