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वैज्ञानिकों ने किया ऐसा आविष्कार कि अब बिना बिजली कही भी होगा फोन चार्ज

नई दिल्ली: देशभर में कई लोगों के पास स्मार्टफोन है। आज के वक़्त में बिना स्मार्टफोन के जीवन बिताना काफी कठिन हो गया है। चाहे शॉपिंग करनी हो या किसी को ऑनलाइन पैसे भेजने हो हर चीज़ मोबाइल पर उपलब्ध है। सब डिजिटल होने के कारन मोबाइल फोन की बेटरी जल्दी ख़तम हो जाती है। […]

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  • Last Updated: August 5, 2024 21:43:22 IST

नई दिल्ली: देशभर में कई लोगों के पास स्मार्टफोन है। आज के वक़्त में बिना स्मार्टफोन के जीवन बिताना काफी कठिन हो गया है। चाहे शॉपिंग करनी हो या किसी को ऑनलाइन पैसे भेजने हो हर चीज़ मोबाइल पर उपलब्ध है। सब डिजिटल होने के कारन मोबाइल फोन की बेटरी जल्दी ख़तम हो जाती है। वहीं कई बार ऐसा होता कि चार्ज करने के लिए चार्जर या बिजली नहीं मिल पाती। अगर आपको ऐसी तकनीक के बारे में पता हो जिससे आप अपने मोबाइल बस टच करके चार्ज कर सकें तो कैसा रहेगा?

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की खोज

कुछ वर्षों पहले वैज्ञानिकों द्वारा एक डिवाइस बनाया गया था। इससे आप अपनी उंगलियों से मोबाइल को चार्ज कर सकते हैं. इस डिवाइस को कैलिफोर्निया में बनाया गया. वहीं ख़ास बात ये है कि इसमें पसीने से बिजली उत्त्पन होती है. इससे कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक टीम ने एक विशेष डिवाइस तैयार किया है। इससे पहनने से पसीने से बिजली पैदा की जा सकती है। यह डिवाइस सोते समय पहनने पर स्मार्टफोन या स्मार्टवॉच को आसानी से चार्ज कर सकती है। टीम का कहना है कि अगर इसे 10 घंटे तक उंगली पर पहना जाए, तो यह 24 घंटे तक के लिए फोन को चार्ज करने के लिए पर्याप्त बिजली उत्पन्न कर सकती है।

battery

हफ्तों तक पहनना होगा

इस डिवाइस का इस्तेमाल कर फोन को चार्ज करना इतना भी नहीं आसान है। रिसर्च टीम के अनुसार, इस पट्टी को उंगली पर बांधा जा सकता है, जो नींद के दौरान बिजली उत्पन्न करती है। इसे लगातार तीन हफ्तों तक पहनने के बाद फोन चार्ज करना संभव होगा। टीम अभी इस डिवाइस की क्षमता को बढ़ाने पर काम कर रही है।

charging chip

 

यह डिवाइस एक पतली चिप की तरह है, जिसे प्लास्टर की तरह उंगलियों के चारों ओर लपेटा जा सकता है। इसमें कार्बन फोम इलेक्ट्रोड का एक पैडिंग होता है जो पसीने को सोखता है और उसे बिजली में परिवर्तित करता है। जब हाथ पसीने से गीला होता है या पट्टी पर दबाव डाला जाता है, तो यह डिवाइस बिजली उत्पन्न करती है। इस डिवाइस को तैयार किए हुए तीन साल हो गए हैं और अब यह देखना बाकी है कि इसे बाजार में कब लाया जाएगा।

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