नई दिल्ली : जब भी हम बाहर खाने-पीने जाते हैं, सबसे पहले हम ये जानने की कोशिश करते हैं कि खाना कितनी सफाई से तैयार किया गया है और स्टाफ किस तरह से उसे सर्व कर रहा है। हालांकि, कई बार लोग स्वाद के चक्कर में इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा ही कुछ एक अमेरिकन फास्टफूड चेन के साथ हो रहा है।

कभी-कभी हम खाने का आनंद इस हद तक लेते हैं कि हमें यह भी ध्यान नहीं रहता कि वह कैसे तैयार किया गया होगा। इसी तरह के एक बर्गर की असलियत खुद रेस्टोरेंट ने बताई, लेकिन फिर भी लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ा। डायर्स बर्गर के बारे में आपने जरूर सुना होगा। यह रेस्टोरेंट 1912 में अमेरिका में शुरू हुआ था और बहुत ही लोकप्रिय है।

इस मशहूर रेस्टोरेंट ने खोला राज

स्वाद के पीछे की कहानी साल 1912 में Elmer “Doc” Dyer ने अमेरिका के मेमफिस शहर में एक बर्गर शॉप की शुरुआत की थी। उन्होंने अपने बर्गर को और स्वादिष्ट बनाने के लिए कुछ खास मसालों का इस्तेमाल किया, जिससे लोग उनके बर्गर के बिना नहीं रह पाते थे। लेकिन एक दिन उनका एक कुक तवा साफ करना भूल गया और अगले दिन उसी तवे पर बर्गर की पेटीज़ बना दी। जब तक मालिक कुछ कहते, एक ग्राहक ने आकर कहा कि यह बर्गर उन्होंने कभी भी इतना स्वादिष्ट नहीं खाया। तब से, बर्गर का सीक्रेट बन गया – बिना धोए हुए तवे और पुरानी ग्रीस।

100 साल से नहीं धुला था तवा

100 साल से नहीं धुला तवा अब डायर्स बर्गर के मालिक रॉबर्टसन बताते हैं कि वे कास्ट आयरन के बड़े तवे पर बर्गर की पेटीज़ सेंकते हैं, जिस पर 100 साल पुरानी ग्रीस मौजूद रहती है। रॉबर्टसन कहते हैं कि उनके ग्राहकों को इस बारे में पूरी जानकारी है, और कई ग्राहक कहते हैं कि पेटीज़ के अलावा बर्गर के बन्स भी उसी पुरानी ग्रीस में सेंक कर दिए जाएं, तो और भी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाएगा। इस रेस्टोरेंट में रोजाना 750 से 1000 पाउंड तक का खाना तैयार होता है और बिकता है। लोगों को फर्क नहीं पड़ता कि वे पुरानी ग्रीस में पका हुआ बर्गर खा रहे हैं या कुछ और।

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