नई दिल्ली: हम अपने दैनिक जीवन में कई चीजों का उपयोग करते हैं चाहे पुरुष हों या महिला. इन छोटी-मोटी चीजों का उपयोग काफी समय से किया जा रहा है. महिलाओं के लिए इन्हीं चीजों में से एक ब्रा है. आपको बता दें कि ब्रा का इतिहास काफी पुराना और पुराना है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं ने ब्रा पहनना कब और कैसे शुरू किया? तो आइये आगे बताते हैं इसके पीछे का इतिहास क्या है?
महिलाएं अपने दैनिक जीवन में कई चीजों का उपयोग करती हैं. ब्रा महिलाओं की सामान्य जिंदगी का एक हिस्सा है. बता दें कि इसके बारे में कई लोगों को पता भी नहीं है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रा फ्रेंच शब्द ‘ब्रैसिएर’ का संक्षिप्त रूप है. जानकारी के मुताबिक पहली आधुनिक ब्रा भी फ्रांस में ही बनाई गई थी. फ्रांस की हरमाइन कैडोल ने 1869 में कोर्सेट (जैकेट जैसी पोशाक) को दो टुकड़ों में काटकर अंडरगारमेंट्स बनाए थे. इस अंडरगारमेंट का नाम कॉर्सेलेट जॉर्ज रखा गया, जिसका ऊपरी हिस्सा बाद में ब्रा की तरह पहना और बेचा जाने लगा. आज भी इसे इसी नाम से लोग जानते हैं.
इतिहास के मुताबिक ‘मिस्र’ की महिलाएं सबसे पहले ब्रा पहनती थीं. दरअसल, उस वक्त वह लेदर से बनी ब्रा पहनती थीं. इसे पहनना महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल काम था. इसके अलावा ग्रीक और यूनानी सभ्यता में भी साधारण ब्रेस्ट बैंड पहनने का जिक्र मिलता है. भारत में महिलाएं शुरू से ही अपने शरीर को ढकने के लिए साड़ी का इस्तेमाल करती आ रही हैं.
भारत में पहली शताब्दी ईस्वी में विजयनगर के शासक हर्षवर्द्धन के शासनकाल के दौरान महिलाएं कंचुकी पहनती थीं. इसके अलावा साल 1237 में बसावपुरान में कंचुकी का प्रमाण मिला है. माना जाता है कि कंचुकी ब्रा का ही एक रूप है. मुगल काल में महिलाएं ऐसे कपड़े खूब पहनती थीं. यह कहना मुश्किल है कि भारत में सबसे पहले ब्रा किसने पहनी थी.
बता दें कि ब्रा का इतिहास बहुत पुराना है. ग्रीक इतिहास में ब्रा जैसे परिधानों का चित्रण मिलता है. रोमन महिलाएं अपने स्तनों को छुपाने के लिए छाती के चारों ओर कपड़ा बांधती थीं. ग्रीक महिलाएं बेल्ट से अपने स्तनों को उभारने की कोशिश करती थीं. आज जो ब्रा हम दुकानों में देखते हैं, वे 1930 के आसपास अमेरिका में बनाई जाने लगीं.
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