Inkhabar
  • होम
  • खबर जरा हटकर
  • जब ट्रेनों में नहीं होता था टॉयलेट, फिर एक यात्री के लेटर ने बदल दी लोगों की जिंदगी

जब ट्रेनों में नहीं होता था टॉयलेट, फिर एक यात्री के लेटर ने बदल दी लोगों की जिंदगी

नई दिल्ली: क्‍या आप जानते हैं भारतीय रेलवे ने 55 साल तक ट्रेनों में टॉयलेट की कोई सुव‍िधा नहीं थी. इसके बाद एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद रेलवे ने ट्रेनों के डिब्‍बों में टॉयलेट की सुविधा देनी शुरूआत की। अक्सर लोग रेलवे का सफर करते है, लेकिन सोचिए अगर ट्रेन में टॉयलेट न हो […]

Toilet Facility in Train
inkhbar News
  • Last Updated: January 8, 2023 13:04:46 IST

नई दिल्ली: क्‍या आप जानते हैं भारतीय रेलवे ने 55 साल तक ट्रेनों में टॉयलेट की कोई सुव‍िधा नहीं थी. इसके बाद एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद रेलवे ने ट्रेनों के डिब्‍बों में टॉयलेट की सुविधा देनी शुरूआत की।

अक्सर लोग रेलवे का सफर करते है, लेकिन सोचिए अगर ट्रेन में टॉयलेट न हो तो क्‍या आप उसमें सफर कर सकते हैं. अधिकतर लोग कहेंगे कि बिना टॉयलेट का ट्रेन में सफर करना नामुमकिन है, लेकिन एक समय था जब इंडियन रेलवे ने ऐसी कोई सुविधा नहीं दिया था. आपको बता दें कि ओखिल चंद्र सेन नाम के एक यात्री ने टॉयलेट बारे में शिकायत और अनुरोध किया. फिर रेलवे ने इस मामले में सोचना शुरू किया और उसके बाद ट्रेनों में टॉयलेट की सुविधा देनी शुरू की।

55 साल तक बिना टॉयलेट का चला ट्रेन

भारत में 6 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन मुंबई से ठाणे के लिए चलाई गई थी, लेकिन क्‍या आप जानते हैं उस समय ट्रेन में कुछ खास व्यवस्था नहीं था. ओखिल चंद्र ने जुलाई 1909 में साहिबगंज रेल डिवीजन को एक पत्र लिखा जिसमें उन्‍होंने ट्रेन में टॉयलेट लगवाने का अनुरोध किया. ओखिल चंद्र के पत्र को ध्यान में रखते हुए इंडियन रेलवे ने ट्रेनों में टॉयलेट लगाने के लिए काम शुरू किया।

ओखिल चंद्र ने क्‍या लिखा था पत्र में

ओखिल चंद्र सेन ने इंडियन रेलवे के अधिकारियों को एक पत्र ल‍िखा कि डियर सर, मैं ट्रेन से अहमदपुर रेलवे स्टेशन तक आया. इस बीच मेरा पेट दर्द काफी होने लगा और पेट सूज गया था. जहां ट्रेन थोड़ी देर के लिए रुकी और मैं टॉयलेट करने के लिए वहां बैठ गया, लेकिन उसी दौरान ट्रेन के गार्ड ने सीटी बजाई और ट्रेन चल दी. ट्रेन पकड़ने के चलते मेरे एक हाथ में लोटा और दूसरे हाथ में धोती थी, जिसे पकड़कर में दौड़ते हुए आ रहा था. इस वजह से मैं प्लेटफार्म पर गिर गया और वहीं मेरी धोती भी खुल गई. जहां महिला-पुरुष मौजूद थे और उनके सामने मुझे शर्मिंदा होना पड़ा और उसके बाद मेरी ट्रेन भी छूट गई. ट्रेन छुटने की वजह से मैं अहमदपुर रेलवे स्टेशन पर ही रहना पड़ा. यह कितनी गलत बात है कि टॉयलेट करने के लिए कोई व्यक्ति ट्रेन से उतरा है और ट्रेन का गार्ड थोड़ी देर के लिए रुका भी नहीं. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि उस ट्रेन के गार्ड पर जुर्माना लगाया जाए और मैं ये पूरी बात अखबारों में छपवा दूंगा. आपका प्रिय, ओखिल चंद्र सेन.

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार