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Freezing Dead Bodies: क्या मृत्यु के बाद फिर जिंदा हो सकेंगे इंसान? क्रायोनिक्स तकनीक पर दांव लगा रहे लोग

क्रायोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें मृत शरीर को अत्यधिक ठंडे तापमान पर संरक्षित किया जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत्यु के बाद शरीर पूरी तरह खत्म नहीं होता बल्कि यह एक गहरी बेहोशी की स्थिति हो सकती है. उनका दावा है कि भविष्य में ऐसी तकनीक विकसित हो सकती है जो इन संरक्षित शरीरों को फिर से जिंदा कर दे.

Freezing Dead Bodies
inkhbar News
  • Last Updated: March 18, 2025 22:15:59 IST

Freezing Dead Bodies: मृत्यु एक ऐसी सच्चाई है जिसे कोई नकार नहीं सकता. विज्ञान ने भले ही चांद तक पहुंचने और बीमारियों को ठीक करने में बड़ी सफलता हासिल की हो लेकिन मौत को हराने में आज तक नाकाम रहा है. फिर भी, दुनिया के कई हिस्सों में लोग इस उम्मीद के साथ मृत शरीर को फ्रीज करवा रहे हैं कि भविष्य में कोई ऐसी तकनीक आएगी जो उन्हें दोबारा जिंदगी दे सके. इस अनोखी प्रक्रिया का नाम है क्रायोनिक्स. आइए जानते हैं कि यह तकनीक क्या है इसमें कितना खर्च आता है और यह कैसे काम करती है.

क्रायोनिक्स एक तकनीक

क्रायोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें मृत शरीर को अत्यधिक ठंडे तापमान पर संरक्षित किया जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत्यु के बाद शरीर पूरी तरह खत्म नहीं होता बल्कि यह एक गहरी बेहोशी की स्थिति हो सकती है. उनका दावा है कि भविष्य में ऐसी तकनीक विकसित हो सकती है जो इन संरक्षित शरीरों को फिर से जिंदा कर दे. रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक दुनिया भर में करीब 600 लोगों के शव क्रायोनिक्स के जरिए फ्रीज किए जा चुके हैं. खास तौर पर अमेरिका और रूस में यह चलन तेजी से बढ़ रहा है जहां 300 से ज्यादा शरीर इस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं.

कितना है खर्च?

क्रायोनिक्स कोई सस्ती तकनीक नहीं है. अमेरिका की मशहूर कंपनी एल्कोर क्रायोनिक्स के अनुसार पूरे शरीर को संरक्षित करने की लागत 200,000 डॉलर (लगभग 1.60 करोड़ रुपये) है. इसके बाद हर साल इसकी देखभाल के लिए 705 डॉलर (करीब 52,874 रुपये) खर्च करने पड़ते हैं. ऑस्ट्रेलियाई कंपनी सदर्न क्रायोनिक्स ने भी हाल ही में एक शव को -200 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित करने का दावा किया है. हालांकि वैज्ञानिक अभी इस बात की पुष्टि नहीं करते कि यह संभव है लेकिन लोग इस उम्मीद में मोटी रकम खर्च कर रहे हैं कि भविष्य में कोई चमत्कार हो जाए.

भविष्य में जिंदगी का दावा

कंपनियां दावा करती हैं कि अगले 250 सालों में ऐसी तकनीक आ सकती है जो इन संरक्षित शरीरों को फिर से जिंदा कर दे. हालांकि अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. आर. गिब्सन का कहना है ‘फिलहाल ऐसी कोई तकनीक नहीं है. लोग सिर्फ उम्मीद में यह कदम उठा रहे हैं.’ फिर भी यह तकनीक उन लोगों के लिए एक सपने की तरह है जो मृत्यु को मात देना चाहते हैं. क्या यह सच में संभव होगा यह तो वक्त ही बताएगा.

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