India Hypersonic Missile: दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की आहट महसूस कर रही है। ऐसे में जो देश शक्ति संपन्न होंगे, विजय पताका उन्हीं की फहराएगी। इसी को देखते हुए भारत ने अपनी सामरिक तैयारियों को नई दिशा दी है। भारत का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) एक सुपर एडवांस हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) आधारित मिसाइल सिस्टम ‘ध्वनि’ विकसित कर रहा है। यह मिसाइल न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी, बल्कि दुनिया के सामने रक्षा क्षेत्र में भारत को एक मजबूत खिलाड़ी के तौर पर स्थापित करेगी।
बताया जा रहा है कि ‘ध्वनि’ एक असाधारण मिसाइल होगी। इसे एक शक्तिशाली रॉकेट से ऊंचाई पर लॉन्च किया जाएगा। जिसके बाद यह अपने लक्ष्य तक हाइपरसोनिक स्पीड पहुंच सकेगी। यहीं नहीं यह दुश्मन के रडार को भी चकमा दे सकती है, जिससे इसे रोकना लगभग नामुमकिन है।
‘ध्वनि’ मिसाइल हैदराबाद में DRDO की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL) में विकसित हो रही है। यह मिसाइल 2029-30 तक भारतीय सशस्त्र बलों का हिस्सा बन सकती है। डीआरडीओ पहले ही मार्क 6 पर आधारित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोस्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) का सफल परीक्षण कर चुका है, जो ‘ध्वनि’ का आधार बनता है।
‘ध्वनि’ मिसाइल भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में ला खड़ा करेगी, जिनके पास हाइपरसोनिक हथियार तकनीक है। जैसे अमेरिका, रूस और चीन। इसके साथ ही ‘ध्वनि’ के शामिल होने से भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी। ‘ध्वनि’ के जरिए भारत न सिर्फ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय भी लिख रहा है।