नई दिल्ली: आधुनिक जीवनशैली और स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग ने आँखों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल की स्क्रीन पर अत्यधिक समय बिताने से न केवल दृष्टि कमजोर होती है, बल्कि यह आँखों के विभिन्न समस्याओं को भी जन्म देती है।

डॉक्टर्स की चेतावनी

चिकित्सकों के अनुसार मोबाइल स्क्रीन की नीली रोशनी (ब्लू लाइट) आँखों के लिए अत्यधिक हानिकारक होती है। यह रेटिना को नुकसान पहुंचा सकती है और समय के साथ दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है। इसके अतिरिक्त, लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आंखों में सूजन, जलन और थकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

सर्वेक्षण के परिणाम

हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में 70% लोग दिन में औसतन 6 घंटे से अधिक समय स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। इस अत्यधिक उपयोग के कारण लोगों में दृष्टि से संबंधित समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं।

विशेषज्ञों की सलाह

1. 20-20-20 नियम: हर 20 मिनट में स्क्रीन से हटकर 20 फीट दूर किसी वस्तु पर 20 सेकंड तक ध्यान केंद्रित करें।

2. ब्लू लाइट फिल्टर: अपने मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन पर ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग करें ताकि आंखों पर पड़ने वाला तनाव कम हो सके।

3. आंखों की जांच: नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।

अधिकारियों का सुझाव

स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और लोगों को मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से बचने की सलाह दी है। मंत्रालय ने स्कूलों और कॉलेजों को छात्रों को इस विषय पर जागरूक करने की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है।

आंखों की सुरक्षा के उपाय

आँखों की विश्राम तकनीकें: आंखों को आराम देने के लिए नियमित अंतराल पर आंखें बंद करें और आँखों की मालिश करें।

सही ब्रेकिंग: कंप्यूटर या मोबाइल पर लंबे समय तक काम करने के दौरान उचित ब्रेक लें।

स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से आंखों पर पड़ने वाले असर को कम करने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में सुधार करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर और विशेषज्ञों की सलाह मानकर हम अपनी दृष्टि को सुरक्षित रख सकते हैं।

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