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बदलते मौसम का दिमाग पर क्या पड़ता है असर, जानें यहां

नई दिल्ली: दिवाली के आते ही मौसम में बदलाव होने लगा है. सुबह और शाम के वक्त हल्की ठंड महसूस होने लगी है. बदलते मौसम का शरीर पर असर देखने को मिलते हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इसका सीधा संबंध दिमाग और व्यवहार से है. अधिक गर्मी या ठंड आपके दिमाग को प्रभावित […]

Mausam changing
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  • Last Updated: October 26, 2024 13:19:33 IST

नई दिल्ली: दिवाली के आते ही मौसम में बदलाव होने लगा है. सुबह और शाम के वक्त हल्की ठंड महसूस होने लगी है. बदलते मौसम का शरीर पर असर देखने को मिलते हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इसका सीधा संबंध दिमाग और व्यवहार से है. अधिक गर्मी या ठंड आपके दिमाग को प्रभावित कर सकता है.

द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ की स्टडी के अनुसार 12 से 21 डिग्री सेल्सियस में मूड काफी अच्छा रहता है. गुस्सा भी कम हो जाता है. वहीं जब तापमान ज्यादा होता है. तो इसके विपरीत हो सकता है. तो चलिए जानते हैं मौसम में बदलाव से शरीर और दिमाग पर किस तरह का असर पड़ता है.

मौसम में बदलाव का शरीर पर असर

मौसम में बदलाव के कारण शरीर में एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है. इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है.जिससे सर्दी-खांसी वायरल जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. इसके अलावा स्किन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं.

जोड़ों का दर्द

मौसम में बदलाव का असर शरीर के जॉइंट्स पर भी पड़ता है. सर्दियों के मौसम में जोड़ो में दर्द बढ़ जाता है. जिसके वजह से चलने -फिरने में दिक्कतें आ सकती हैं. कई बाद दर्द इतना बढ़ जाता है कि वो असहनीय हो जाता है.

पाचन समस्याएं

मौसम में बदलाव का असर सबसे ज्यादा पेट पर होता है. इससे पाचन से जुड़ी कई समस्या हो सकती हैं. बदलते मौसम के वजह से खानपान बदल जाता है. जिसका सीधा असर पेट पर पड़ता है. मौसम में बदलाव का दिमाग पर असर

स्ट्रेस-एंग्जाइटी की समस्या

मौसम में बदलाव होने पर तनाव और चिंता बढ़ जाती है. बता दें पूरी दुनिया के मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्य की रोशनी का हमारे मूड पर असर पड़ता है.  जिसके वजह से कई  लोगों में सर्दियों में डिप्रेशन के लक्षण ज्यादा देखने को मिलते  हैं.

डिप्रेशन

मौसम में बदलाव से डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है. आपको बता दें कि हमारा शरीर दिन में एक बार कॉर्टिसॉल रिलीज करता है. यह नॉर्मल प्रॉसेस है. अगर इसके रिलीज होने का समय बार-बार बदलता है. तो डिप्रेशन हो सकती है.

मूड स्विंग होना

मौसम बदलने के कारण खान-पीना, पहनावा और रुटीन पूरी तरह से बदल जाता है. इसका मन पर नकरात्मक असर पड़ता है. ये बदलाव कभी-कभी मूड स्विंग का कारण बन जाता है.

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