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काला जार किसे कहते है, जिसने बिहार समेत देशभर में ली लाखों जान

नई दिल्ली: कालाजार एक ऐसी बिमारी है. जिसने बिहार समेत कई राज्यों में लाखों लोगों की जान ली है. बता दें अब देश में कालाजार खत्म होने के दलहीज पर है. बता दें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आकड़े के मुताबिक 2023 में 595 मामले और 4 मौतें दर्ज की गईं और वहीं इस साल […]

KalaAzar
inkhbar News
  • Last Updated: October 22, 2024 14:14:59 IST

नई दिल्ली: कालाजार एक ऐसी बिमारी है. जिसने बिहार समेत कई राज्यों में लाखों लोगों की जान ली है. बता दें अब देश में कालाजार खत्म होने के दलहीज पर है. बता दें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आकड़े के मुताबिक 2023 में 595 मामले और 4 मौतें दर्ज की गईं और वहीं इस साल 339 मामले और एक मौत दर्ज की गई है. तो चलिए जानते है कालाजार कितनी खतरनाक बिमारी है और इसकी कहानी क्या है.

 

कालाजार बिमारी क्या है

 

कालाजार को काला बुखार कहते है. ये देश में बिहार, बंगाल और झारखंड में सबसे ज्यादा देखने को मिलता था. हालांकि अब ये बिमारी खत्म होने के कगार पर है. काला जार बालू मक्खी के काटने से फैलता है. वहीं इसके शुरूआती लक्ष्ण देखने को नहीं मिलता है. कालाजार को विसरल लीशमैनियासिस (VL) भी कहते हैं. कालाजार एक प्रोटोजोआ परजीवी के वजह से होती है. ये बीमारी 9- सैंडफ्लाई प्रजातियों से ज्यादा फैलती है.

कालाजार क्यों खतरनाक

 

WHO ने कालाजार को सबसे खतरनाक बिमारी माना है. इस बीमारी का खतरनाक होने का सबसे बड़ा कारण है. इसकी समय पर पहचान न हो पाना है. अधिकतर लोग समान्य बुखार कहकर अनदेखा कर देते हैं और इलाज भी नहीं करवाते हैं. वहीं कई केस ऐसे भी आते है. जहां सरकार सैंडफ्लाई को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करवाती है. तो वहां के रहने वाले लोग इसे मना कर देते है. उन्हें लगता है कि उन्हें इस बीमारी से नुकसान होगा. कालाजार बिमारी को लेकर जागरूक न होना ही इसे और खतरनाक बनाता है.

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