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अजूबा: ये औरत जो भी खाती है वो पेट में शराब बन जाती है

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की रहने वाली एक महिला के साथ हर दिन अजीबो-गरीब घटना घटती है. यह महिला जो कुछ भी खाती है वह उसके शरीर में जाकर शराब में बदल जाती है. महिला को समझ में नहीं आ रहा है कि वह करे तो क्या करे? खाना खाए तो दिक्कत और नहीं खाए तो जोर की भूख लगती है.

drink and drive
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  • Last Updated: January 2, 2016 10:53:58 IST
न्यूयॉर्क. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की रहने वाली एक महिला के साथ हर दिन अजीबो-गरीब घटना घटती है. यह महिला जो कुछ भी खाती है वह उसके शरीर में जाकर शराब में बदल जाती है. महिला को समझ में नहीं आ रहा है कि वह करे तो क्या करे? खाना खाए तो दिक्कत और नहीं खाए तो जोर की भूख लगती है. इस समस्या के कारण महिला कई बार पुलिस ड्रिंक एंड ड्राइविंग केस में भी पकड़ चुकी है. जब भी ड्राइव के दौरान शराब पिए होने की जांच की जाती है, मशीन महिला के शरीर में शराब की स्मेल बताती है. 
 
क्या है यह ऑटो ब्रूयरी सिंड्रोम ?
आपको बता दें कि यह एक किस्म का रोग है जिसमें वह जो कुछ भी खाती है, वह उसके पेट में जाकर डाइजेस्ट होते ही शराब में बदल जाता है. यह महिला करीब 35 साल की है और स्कूल में पढ़ाती है.उसे ड्रिंक ड्राइविंग के एक मामले में हाल में पकड़ा गया था, लेकिन डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन दिखाने के बाद उसे आरोप मुक्त कर दिया गया. इस महिला का नाम नहीं बताया गया है पर उसके वकीलों ने उसके पक्ष में जो सबूत कोर्ट को सौंपे हैं, उसमें बताया गया है कि भोजन में पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट उसके पेट में जाकर शराब में तब्दील हो जाता है.
 
इस बीमारी का पहली बार जापान में लगा पता
मेडिकल भाषा में इसे ‘गट फरमेंटेशन सिंड्रोम’ या ‘ऑटो ब्रूयरी सिंड्रोम’ कहते हैं. 1970 में पहली बार जापान में वैज्ञानिकों ने इस बीमारी का पता लगाया था. इस पर रिसर्च अब भी चल रहा है. अभी दो साल पहले टेक्सास में पैनोला कॉलेज की बारबरा कॉर्डेल और जस्टिन मैकार्थी ने इस बारे में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्लीनिकल मेडिसिन में विस्तार से जानकारी दी थी. 
 
क्या है सच्चाई?
ड्रिंक एंड ड्राइविंग के आरोप में पकड़ी गई महिला के वकील जोसेफ मारुसक को बारबरा कॉर्डेल के अध्ययन की जानकारी थी. उन्होंने उनसे 2014 में तब संपर्क किया जब इस महिला को पुलिस ने पकड़ा. महिला की बातें सुनकर उन्होंने बारबरा से इस महिला की जांच करने और अपनी रिपोर्ट देने का अनुरोध किया. उस महिला के खून की हर दो घंटे पर जांच की गई. बारबरा ने पाया कि शराब न पीने के बावजूद उसके खून में शराब की मात्रा है.

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