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करवा चौथ की पूजा में इन 6 बातों का रखें खास ख्याल, पति को मिलेगी लंबी उम्र

हिंदू धर्म में अनेक ऐसे त्योहार आते हैं जो हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने के साथ-साथ उससे परिचित भी करवाते हैं. करवा चौथ भी उन्हीं त्योहारों में से एक है. यह कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है. इस बार करवा चौथ 19 अक्टूबर को है.

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  • Last Updated: October 14, 2016 13:31:34 IST
ऩई दिल्ली. हिंदू धर्म में अनेक ऐसे त्योहार आते हैं जो हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने के साथ-साथ उससे परिचित भी करवाते हैं. करवा चौथ भी उन्हीं त्योहारों में से एक है. यह कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को मनाया  जाता है. इस बार करवा चौथ 19 अक्टूबर को है.
 
करवा चौथ के इस पवित्र त्योहार में महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती है. पूरे दिन व्रत रखकर रात में चांद दिखते ही अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं.
 
वैसे तो हर जगह के अनुसार करवा चौथ की पूजन विधि अलग-अलग  होती है. ज्यादातर महिलाएं अपने घर की परंपराओं और रीति रिवाजों के अनुसार पूजा करती हैं और कहानी सुनती हैं. पति की लंबी आयु करने के लिए इसकी पूजन विधि ऐसे करें.
 
  •  इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके पति, पुत्र, पत्नी और उनकी सुख-समृद्धि की कामना करके निर्जला व्रत रखें.
  • वैसे तो करवा चौथ पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. लेकिन कहीं-कहीं पर लोग सरगी खाने भी खाते हैं. सरगी में, मिठाई, फल, सेंवई, पूड़ी और साज-श्रंगार की सामग्री भी दी जाती है. सरगी करने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए.
  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो चंद्रमा की पूजा करता है. उसके सारे पाप दूर हो जाते हैं. उसे लंबी उम्र की प्राप्ति होती है.
  • इस दिन मां पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी का पूरे दिन ध्‍यान करें. करवा चौथ व्रत के दिन दीवार पर गेरू और पिसे चावलों के घोल से करवा माता का चित्र बनाते हैं. अगर ऐसा न हो पाए तो करवा चौथ के चित्र या कैलेंडर की पूजा करें. इस दिन आप पूरियां अठावरी के लिए बनाई जाती हैं. 
  • इस दिन पीली मिट्टी से मां गौरी और गणेश जी जी बनाएं जाते हैं. इस दिन पीली मिट्टी से मां गौरी और गणेश जी जी बनाएं जाते हैं. मां गौरी का अच्छे से श्रृंगार करके उनसे सुहाग लेने की परंपरा है.
  • इस दिन सुहाग की चीजें जैसे कंघी, सिंदूर, चूडिय़ां, साड़ी  फल, फूल, मेवा, बायन, मिष्ठान, बायना सास को देने चाहिएं और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए. कई क्षेत्रों में सुहागिन स्त्रियां आपस में करवा बदलती हैं.
 

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