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World War II: जापानी सैनिकों ने खाया था चीनी लोगों का मांस

बीजिंग. द्वितीय विश्व युद्ध की 70 बरसी पर चीन में राज्य अभिलेखागार प्रशासन (एसएए) अपनी वेबसाइट पर जापानी युद्ध अपराधियों के 31 इकरारनामों को प्रकाशित कर रही हैं.   इसी के तहत एक इकरारानामे में जापानी सैनिकों की बर्बरता का सच सामने आया है. एसएए द्वारा प्रकाशित किए गए जापानी सैनिक के इकरारनामे के मुताबिक, […]

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  • Last Updated: August 20, 2015 11:57:29 IST
बीजिंग. द्वितीय विश्व युद्ध की 70 बरसी पर चीन में राज्य अभिलेखागार प्रशासन (एसएए) अपनी वेबसाइट पर जापानी युद्ध अपराधियों के 31 इकरारनामों को प्रकाशित कर रही हैं.
 
इसी के तहत एक इकरारानामे में जापानी सैनिकों की बर्बरता का सच सामने आया है. एसएए द्वारा प्रकाशित किए गए जापानी सैनिक के इकरारनामे के मुताबिक, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानी सैनिकों ने चीनी नागरिकों के मांस को पकाकर खाया था.
 
क्या लिखा है इस इकरारनामे में?
एसएए की वेबसाइट पर गुरुवार को जापान के एक युद्ध अपराधी द्वारा 1954 में लिखे गए इकरारनामे को प्रकाशित किया है. इसमें उसने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान चीनी नागरिकों की हत्याओं और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बात कबूली है. जापान के एक सैनिक कुनिहीरो नकाओ ने चीन में 1940 से 1945 के दौरान अपनी बर्बरता की विस्तार से जानकारी दी है.
 
नकाओ के 1954 में लिखे इकरारनामे के मुताबिक, जापान के यामागुची प्रांत में 1921 को जन्मे नकाओ ने हुबेई प्रांत के हुआंगगांग काउंटी में 10 अप्रैल 1940 को दो चीनी बंदियों की निर्दयता से हत्या कर दी थी, ये दोनों पुरुष थे और इनकी उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच थी.
 
नकाओ के मुताबिक, जून 1942 में हुबेई प्रांत के जिआनलिंग काउंटी में उसके सहयोगी ने 30 वर्षीय एक चीनी नागरिक को बंधक बनाया और बेनट से वार कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसकी जांघ से 1.5 किलोग्राम मांस काटा और उसे कपड़े में लपेटकर मुझे दे दिया. इसके बाद उस मांस को पोर्क, चिकन, मछली और सब्जियों के साथ पकाया गया. हमारे स्क्वैड के सभी 40 सदस्यों ने उसे खाया. 
 
IANS

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