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सावधान! रेस्टोरेंट से आए ब्लैक डब्बों का दोबारा किया इस्तमाल तो होगा ये बड़ा नुकसान

नई दिल्ली : आज कल जब भी आप रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करते है तो खाने कि डिलीवरी ज्यादातर काले प्लास्टिक डब्बों में आपके घर पर होती है। आप इन डिब्बों का इस्तेमाल अपने किचन में करना शुरू कर देते है। पिछले एक सालों में भारत में इसका चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन बता […]

Black Plastic Box
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  • Last Updated: October 4, 2024 17:26:47 IST

नई दिल्ली : आज कल जब भी आप रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करते है तो खाने कि डिलीवरी ज्यादातर काले प्लास्टिक डब्बों में आपके घर पर होती है। आप इन डिब्बों का इस्तेमाल अपने किचन में करना शुरू कर देते है। पिछले एक सालों में भारत में इसका चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन बता दें कि यह सेहत के लिए खतरा बन सकता है।। आइए जानते है कि ब्लैक प्लास्टिक क्यों कैंसर का खतरा है।

 

अक्सर आप ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते है, तो खाने की डिलीवरी ब्लैक प्लास्टिक के कंटेनर या डिब्बों में की जाती है। आप इन्हीं डब्बों का इस्तेमाल अपनी रसोई में बार-बार करते है। ये डिब्बें बहुत सस्ते होते हैं, किसी के घर खाना भेजना हो तो सरलता और सुविधाजनक ढ़ग से आप भेज सकते हैं। ब्लैक प्लास्टिक अब रेस्टोरेंट तक सीमित नहीं रहा, भारतीय किचन में इसकी पहुंच बढ़ गई है। भारतीय रसोई घर में स्टील और लकड़ी के बर्तनों की संख्या कम होकर ब्लैक प्लास्टिक के बर्तनों की संख्या बढ़ गई हैं। लोग डिस्पोज़ेबल थाली, कटोरी ,चम्मच का इस्तमाल तेजी से करते है लेकिन उन बर्तनों को वो दोबारा अपने रसोई घर में ही रख लेते है। ये काले डिब्बे आपके सेहत के लिए काल सामान है।

ब्लैक प्लास्टिक आपके लिए खतरनाक क्यों है ?

ब्लैक प्लास्टिक में कई तरह के हानिकारक केमिकल होते है। इस हानिकारक केमिकल में पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन(Polycyclic aromatic hydrocarbons), डेकाब्रोमोडेफेनिक ईथर(Decabromodiphenic ether) जिसे DecaBDE भी कहते है। DecaBDE यह अग्निरोधी केमिकल होता है इस केमिकल के कारण बर्तनों में आसानी से आग नहीं लगती है। जबकि इस ब्लैक प्लास्टिक के बर्तनों में गरमा-गर्म खाना पैक करेंगे तो इसमें पनप रहे केमिकल आपके खाने में घुल जाते है। आपके खानों के जरिए आपके शरीर में प्रवेश कर लेते हैं। ये केमिकल गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए हानिकार है। गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका प्रभाव तेजी से पड़ता है। ये आपके शरीर में हार्मोन को डिसबैलेंस कर देता है। ये ब्लैक प्लास्टिक इतना खतरनाक है कि आपके शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है।

 

अमेरिका ने किया बैन

ब्लैक प्लास्टिक पर अमेरिका ने तीन साल पहले ही प्रतिबंद लगा दिया था। भारत देश जिसकी जनसंख्या दुनिया के बाकी देशों से अधिक है, यहां धड़ल्ले से खुले आम बिना किसी रोक-टोक के ब्लैक प्लास्टिक का मार्केट पनप रहा है । अमेरिका में यह प्रतिबंधित है भारत के घर घर तक यह ब्लैक प्लास्टिक पहुंच गया है, शायद आपके घर में भी यह मौजूद होगा।

खून में मिला अग्निरोधी केमिकल

ब्लैक प्लास्टिक पर अब एक नई स्टडी आई है जिसमें यह बताया गया है कि जिनके खून में अग्निरोधी केमिकल(DecaBDE) ज्यादा पाया गया उन्हें कैंसर होने की संभावना 300%से ज्यादा है। ब्लैक प्लास्टिक में पाए जाने वाले दूसरे खतरनाक केमिकल पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन से भी कैंसर होना का संभावन होता है. इसके अलावा आप को सांस सबंधित बीमारी की भी शिकायत हो सकती है। ब्लैक प्लास्टिक आपके शरीर के साथ हमारे पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक हैं। ब्लैक प्लास्टिक का अधिकतर हिस्सा रीसाइक्लिंग नहीं हो सकता। रीसाइक्लिंग के दौरान प्लास्टिक को इंफ्रारेड रेडिएशन से अलग किया जाता है लेकिन ब्लैक प्लास्टिक मशीन में स्कैन नहीं हो पता और पर्यावरण को भी बहुत नुकसान पहुंचता है।

 

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