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नर्क की सजा से भी बदतर होती है ये बिमारी, जीते-जी मौत मांगने लगता है इंसान, इसका दर्द सहना तो दूर देखकर ही कांप जाएगी आत्मा!

Cluster Headache: दुनिया में कई बीमारियां ऐसी हैं जो न सिर्फ शरीर को तोड़ देती हैं, बल्कि इंसान को अंदर से भी खत्म कर देती हैं।

Cluster Headache
inkhbar News
  • Last Updated: June 19, 2025 13:38:48 IST

Cluster Headache: दुनिया में कई बीमारियां ऐसी हैं जो न सिर्फ शरीर को तोड़ देती हैं, बल्कि इंसान को अंदर से भी खत्म कर देती हैं। लेकिन कुछ बीमारियों का दर्द इतना असहनीय होता है कि पीड़ित खुद मौत की दुआ करने लगता है। आमतौर पर लोग कैंसर को सबसे दर्दनाक मानते हैं, लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार क्लस्टर हेडेक (Cluster Headache) और ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (Trigeminal Neuralgia) दो ऐसी बीमारियां हैं, जिनका दर्द शरीर के किसी भी दर्द से ज्यादा तीव्र होता है। इन बीमारियों में पीड़ित की हालत इतनी खराब हो जाती है कि वो सामान्य जीवन नहीं जी पाता। व्यक्ति के लिए ये बीमारी मौत से भी बदतर होती है।

क्या होता है क्लस्टर हेडेक?

क्लस्टर हेडेक एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें सिर के एक तरफ, विशेष रूप से आंखों के आसपास जलन और चुभन के साथ तेज दर्द होता है। इसे ‘सुई चुभने जैसा’ दर्द बताया जाता है, जो 15 मिनट से लेकर तीन घंटे तक रह सकता है। यह दर्द कई बार दिन में बार-बार हो सकता है। इतना ही नहीं, इस दौरान आंखों में सूजन, पानी आना और नाक बंद होना भी आम है। रात में सोते वक्त अचानक उठ जाना और दिनभर बेचैनी महसूस करना इसकी आम शिकायतों में शामिल है। मरीज दर्द की इस स्थिति में खुद को असहाय महसूस करता है।

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कैसे करें बचाव?

क्लस्टर हेडेक से राहत पाने के लिए धूप और गर्म वातावरण से दूरी बनाए रखना जरूरी है। ज्यादा मेहनत वाली एक्सरसाइज से बचना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में गर्मी बढ़ती है, जो अटैक की संभावना को बढ़ा सकती है। नींद का नियमित रूटीन और हेल्दी डाइट इस दर्द को काबू में रखने में मदद करती है। साथ ही, स्मोकिंग और अल्कोहल से दूर रहना भी जरूरी है क्योंकि ये ट्रिगर फैक्टर माने जाते हैं।

क्या है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया?

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो ट्राइजेमिनल नर्व को प्रभावित करती है। यह नर्व चेहरे से दिमाग तक सिग्नल पहुंचाने का काम करती है। जब इस नर्व पर दबाव पड़ता है या यह डैमेज हो जाती है, तब व्यक्ति को चेहरे में ऐसा दर्द होता है जैसे बिजली का झटका लग रहा हो। यह दर्द इतना तीव्र होता है कि कुछ मामलों में दांत साफ करना, बोलना या हवा का हल्का स्पर्श भी असहनीय हो सकता है। यह एक *क्रॉनिक पेन कंडीशन* है, जिसकी सटीक वजह अभी तक वैज्ञानिक तौर पर स्पष्ट नहीं हो पाई है।

इससे जूझ चुके हैं सलमान खान

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान भी ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया से गुजर चुके हैं। उन्होंने कई बार अपने इंटरव्यू में बताया है कि इस बीमारी के दौरान उन्हें कितनी तकलीफ का सामना करना पड़ा था। क्लस्टर हेडेक और ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया जैसी बीमारियां शरीर को झकझोर देने वाली होती हैं। इनका दर्द इतना तीव्र और असहनीय होता है कि इंसान टूट जाता है। समय रहते इनके लक्षणों को पहचानकर मेडिकल सलाह लेना जरूरी है, ताकि जीवन को दर्द नहीं राहत से भरा जा सके।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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