भारत में लोग बुखार वाली गोली यानी पैरासिटामोल को ऐसे खाते हैं जैसे कि वो कोई टॉफी खा रहे हों. कुछ दिन पहले अमेरिकी डॉक्टर ने भी अपने ट्वीट में इस बात पर अपना ज़िक्र दर्शाया हैं अब ऐसे में हर किसी को जानना बहुत जरूरी है कि पैरासिटामोल क्या है और किसे खानी चाहिए ,किसे नहीं इसके बारे में सबकुछ जानते हैं

पैरासिटमोल कितना सुरक्षित हैं?

भारतीय बाजारों में हर बीमारी के लिए अलग-अलग दवाइयाँ मौजूद हैं लेकिन उनमें से एक ऐसी दवा है, जिसे ज्यादातर लोग सभी बीमारियों का जैसा हल ही मान बैठे हो . इसे आम बोलचाल की भाषा में ‘बुखार वाली गोली’ कहते हैं अगर आपके मन में सवाल उठ रहा है कि यह दवा कौन सी है तो बता दें ये ‘पैरासिटामोल’ है, जिसे लोग बुखार-दर्द होते ही मेडिकल स्टोर पर लेने पहुंच जाते हैं. इस दवा को लेने के लिए लोग किसी डॉक्टर को कंसल्ट करना भी पसंद नहीं करते हैं. शायद आप उन लोगों में से आप भी एक हों, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पैरासिटामोल सभी बीमारियों का इलाज नहीं है.

यह ऐसी दवा नहीं है जो आप बुखार आने से लेकर पीठ दर्द तक में इस्तेमाल कर सकें. अगर आप इसे दर्द को खत्म करने के लिए भी लेते हैं तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. ऐसा क्यों? आज हम इस आर्टिकल में आपको समझाएंगे कि आखिर पैरासिटामोल क्या है? ये कैसे असर करती है? इसे किस तरीक़े से लेना चाहिए और किसे नहीं लेना चाहिए?

पैरासिटामोल क्या हैं ?

पैरासिटामोल (पैनाडोल, कैलपोल, एल्वेडॉन) एक एनाल्जेसिक (Analgesic) और एंटीपायरेटिक (Antipyretic) दवा है, जिसका इस्तेमाल दर्द और बुखार को अस्थायी रूप से राहत देने के लिए दिया जाता है. इसे आमतौर पर सर्दी या फ्लू की दवाओं में ली जाने वाली दवाई के रूप में लिया जाता. आसान भाषा में कहें तो पैरासिटामोल एक पेनकिलर है जिसका इस्तेमाल बुखार और दर्द के इलाज के लिए किया जाता है. यह एक टैबलेट, कैप्सूल, सिरप और पाउडर के रूप में मार्केट में उपलब्ध है।

पैरासिटामोल बिल्कुल एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) जैसी ही दवाई है. जहां यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और भारत जैसे देशों में इस दवा को पैरासिटामोल कहा जाता हैं ।पौरासिटामोल और एसिटामिनोफेन का महज नाम अलग- अलग है, लेकिन इन दवाइयों का सॉल्ट एक ही है।

पैरासिटामोल पहली बार 1878 में बनाई गई थी लेकिन व्यापक रूप से इसका इस्तेमाल 1950 के दशक से किया गया था. आज पैरासिटामोल दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली पेनकिलर्स में से एक है. अब पूरी दुनिया में इस दवाई के ब्रांडेड और जेनेरिक वर्जन्स मौजूद हैं।

पैरासिटामोल क्यों इस्तेमाल की जाती हैं ?

पैरासिटामोल का इस्तेमाल मुख्य रूप से दर्द में राहत दिलाने और बुखार को कम करने के लिए होता हैं ।हालांकि, लोग अक्सर सिरदर्द और माइग्रेन जैसी स्थितियो में भी इसे लेते हैं. यह पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए भी प्रभावी मानी जाती है।

बहुत से लोग इसका उपयोग दांत दर्द, पीरियड पेन (डिसमेनोरिया), सर्दी, फ्लू और गले में खराश या साइनस की समस्या से होने वाले दर्द को कम करने के लिए भी करते हैं
इसके अलावा, पैरासिटामोल सर्जरी के बाद दर्द को कंट्रोल करने और तेज बुखार को कम करने में भी सहायक है.

पैरासिटामोल के क्या क्या साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं ?

ज़्यादातर अगर पैरासिटामोल को सही तरीके से लिया जाए तो ये सुरक्षित रहती है, लेकिन कुछ मामलों में इसका गंभीर साइड इफेक्ट्स नजर आ सकता हैं. कुछ लोगों को एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जिसमें स्किन पर चकत्ते, खुजली, पित्ती या चेहरे, जीभ या गले में सूजन भी शामिल हो सकती है. सांस लेने में तकलीफ जैसे घबराहट या सास फूलना भी हो सकती हैं।

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