नई दिल्ली: रामबुतान एक अनोखा फल है जो मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, फिलीपींस और इंडोनेशिया की उष्णकटिबंधीय जलवायु में सबसे अच्छा उगता है. यह फल अपनी अनूठी बनावट और स्वाद के लिए जाना जाता है. इसका नाम रामबुतान मलय शब्द ‘रामबुत’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘बाल’. इसे यह नाम इसलिए मिला क्योंकि इसकी बाहरी सतह पर बाल जैसी संरचना होती है. रामबुतान को वैज्ञानिक रूप से नेफेलियम लैपेसियम के नाम से जाना जाता है. यह एक अनोखा फल है जिसका बाहरी भाग नुकीला लाल होता है.
रामबुतान के पेड़ पर फूल आने से लेकर फल बनने तक की प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने लगते हैं. ये फल अंगूर के गुच्छों की तरह गुच्छों में उगते हैं. इन्हें तोड़ने के कुछ समय बाद ही खा लेना अच्छा माना जाता है क्योंकि अगर इन्हें ज़्यादा समय तक रखा जाए तो इनके अंदर का पानी सूखने लगता है. इसमें भी लीची की तरह बीज होते हैं, आप इन्हें कभी भी निकाल कर खा सकते हैं. छिलके के अंदर चमड़े जैसी बनावट होती है और इसका रंग सफ़ेद होता है। इसका स्वाद रसदार, तीखा और मीठा होता है। इसे खाने से कई फ़ायदे हो सकते हैं.
रामबुतान में विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस और फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
रामबुतान में मौजूद विटामिन सी त्वचा को तरोताज़ा और चमकदार बनाने में मदद करता है. यह त्वचा कोशिकाओं को फिर से सक्रिय करने में भी मदद कर सकता है.
पाचन में मदद
रामबुतान में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को सही रखते हुए कब्ज से राहत दिला सकता है. फाइबर से पेट भी भरा रहता है और आप कम खाते हैं.
रामबुतान में पोटेशियम होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और आपके हृदय के स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है.
इस फल में कैलोरी बहुत कम और फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, जिसके कारण पेट लंबे समय तक भरा रहता है और वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
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