Age Wise Walking: आज के समय में चलना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन अगर सबसे आसान एक्सरसाइज है तो वो है वॉक करना। जी हां, किसी भी उम्र में किया जाना वाला सबसे आसान व्यायाम वॉक है। इस समय की भागदौड़ भरी दुनिया में लोगों को फिटनेस में रहना सबसे मुश्किल का काम होता है। दिन भर के काम में इतने थक जाते हैं कि चलने के लिए भी हिम्मत नहीं होती है। पैदल चलना शरीर को हेल्दी और फिट रखने का सबसे आसान तरीका हो माना जाता है। लेकिन किस उम्र में किसे कितना चलना चाहिए, यह एक बड़ा सवाल सामने आता है।
चलना जरूरी है
अगर आपको फिट रहना है तो वॉक को अपनी दिनचर्या में जरूर से शामिल करें। वॉक से कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। वैसे तो एक इंसान को दिन में 10 हजार कदम चलना चाहिए, इसको पूरा करने के लिए आपको रोजाना कम से कम 1 घंटा वॉक करना जरूरी है। साइंटिस्ट मेटा-एनालिसिस के मुताबिक, रोजाना 10 हजार कदम चलना हर उम्र में ठीक नहीं माना जाता है। हर दिन कुछ कदम चलने से ही इसका फायदा मिलता है, जो कि इंसान को उम्र के हिसाब से चलना चाहिए।
उम्र के हिसाब चलना
अगर उम्र के हिसाब से बात करें तो इंसान को हर उम्र के हिसाब से चलना अच्छा होता है। क्योंकि उम्र के हिसाब से चलने के कारण शरीर को भी नुकसान नहीं होता है। अगर युवाओं की बात की जाए तो उनको 8 हजार से 10 हजार के बीच में स्टेप्स चलना अच्छा होता है। ऐसे युवाओं को 18 से 30 साल की उम्र में रखा जाता है। और इनके ऊपर वाले इंसान, जिनकी उम्र 31 से 50 साल के बीच में होती है, उनको तो 7 हजार से 9 हजार के बीच चलना चाहिए। 51 से 65 साल के लोगों को 6 हजार से 8 हजार चलना चाहिए। ऐसे लोग अपने जीवन को ज्यादा से ज्यादा जी सकते हैं। जिस इंसान की उम्र 65 साल या उससे भी अधिक है, तो इनको 4 हजार से 6 हजार के बीच में चलना काफी फायदेमंद होता है।
पैदल चलने के जबरदस्त फायदे
हृदय में सुधार: शरीर के लिए पैदल चलना एक बहुत ही अच्छा कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम है, जो हृदय गति को भी बढ़ाता है और साथ ही रक्तचाप को कम करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा नहीं होता है।
वजन कम करने में मदद: पैदल चलने से शरीर के वजन को कम किया जा सकता है। पैदल चलना कैलोरी बर्न करने का एक शानदार तरीका होता है, जिससे वजन कम करने या बनाए रखने में मदद मिलती है।
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना: पैदल चलने के कारण से एंडोर्फिन का स्राव बढ़ता है। इससे मूड को बेहतर होता है। साथ ही अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
हड्डियों का मजबूत होना: पैदल चलना हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है, विशेष रूप से वृद्ध लोगों में, जो ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम में होते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत होना: पैदल चलने से शरीर का तापमान बढ़ता है, जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
जोड़ों के दर्द कम होना: पैदल चलना एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है, जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है, खासकर जो लोग गठिया से पीड़ित हैं।
ऊर्जा स्तर को बढ़ाना: पैदल चलने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है, जिससे शरीर को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है।
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