International Yoga Day: योग, जो कभी भारत की प्राचीन साधना रहा करता था, आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वास्थ्य आंदोलन बन चुका है। 21 जून 2024 को दुनिया ने 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया, जिसमें करीब 25 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। यह न सिर्फ एक अद्भुत आंकड़ा है, बल्कि यह बताता है कि कैसे योग अब सीमाओं से परे पूरी दुनिया को जोड़ने वाला माध्यम बन गया है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2015 में हुई थी, जब 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2014 को UNGA के 193 सदस्यों ने मंजूरी दी और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। तब से हर साल यह दिन पूरी दुनिया में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के प्रचार-प्रसार के लिए मनाया जा रहा है।
पहला योग दिवस 21 जून 2015 को नई दिल्ली के राजपथ पर भव्य आयोजन के साथ मनाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी सहित 84 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें दो गिनीज रिकॉर्ड बने—पहला, दुनिया की सबसे बड़ी योग कक्षा जिसमें 35,985 प्रतिभागियों ने भाग लिया। दूसरा रिकॉर्ड, 84 देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी का बना।
गुजरात के सूरत में आयोजित योग कार्यक्रम में 1.47 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे। इसे गुजरात राज्य योग बोर्ड और टीम सूरत ने मिलकर आयोजित किया था। 10.5 किलोमीटर लंबी दो सड़कों पर लोगों को 135 ब्लॉकों में विभाजित किया गया, जहां सभी ने एक साथ एलईडी स्क्रीन और प्रशिक्षकों की मदद से योग किया। इस आयोजन ने राजस्थान के कोटा में 2018 में बने 1 लाख 984 लोगों के रिकॉर्ड को तोड़ा।
2018 में 9.59 करोड़ लोगों ने योग दिवस में भाग लिया, वहीं 2023 में यह संख्या 23.4 करोड़ पहुंच गई। साल 2024 में योग दिवस और भी व्यापक बन गया और करीब 24.53 करोड़ लोगों ने इस आयोजन में भागीदारी की। इससे योग की वैश्विक स्वीकार्यता और इसकी व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
अब योग सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि एफिल टावर, सिडनी ओपेरा हाउस, ब्रासीलिया कैथेड्रल, माउंट एवरेस्ट बेस, मृत सागर जैसी विश्व प्रसिद्ध जगहों पर भी मनाया जाता है। 2022 में भारत की 75 विरासत स्थलों पर योग कार्यक्रम आयोजित हुए। वहीं, 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लॉन से योग दिवस का नेतृत्व किया, जिसमें 135 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
पिछले साल मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में 15,000 से अधिक लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया।आज योग दिवस एक सरकारी आयोजन से बढ़कर मानवता को जोड़ने वाला वैश्विक पर्व बन चुका है। दुनिया भर में लाखों लोग न सिर्फ योग कर रहे हैं, बल्कि इसके लाभों को महसूस भी कर रहे हैं। योग अब भारत की देन से आगे बढ़कर एक विश्व धरोहर के रूप में स्थापित हो चुका है।