Liver Cirrhosis:बिग बॉस ओटीटी-3 की विजेता टीवी अभिनेत्री सना मकबूल को लीवर सिरोसिस का पता चला है और वे पिछले कुछ टाइम से ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस से भी पीड़ित हैं, जो कि एक पुरानी लीवर की बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लीवर पर हमला करती है। अब उनकी हालत बिगड़ गई है और हर कोई उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहा है।
लिवर सिरोसिस एक गंभीर बीमारी है जिसमें लीवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और धीरे-धीरे निशान ऊतक में बदल जाती हैं। यह निशान ऊतक लीवर के सामान्य कार्य को प्रभावित करता है, जिससे शरीर के आवश्यक कार्य जैसे रक्त को साफ करना, विषाक्त पदार्थों को निकालना और पाचन प्रभावित होता है। लीवर सिरोसिस के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में लंबे समय तक शराब का सेवन, वायरल हेपेटाइटिस (बी और सी), फैटी लीवर रोग और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस शामिल हैं।
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ लीवर कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे लीवर में सूजन (हेपेटाइटिस) हो जाती है। अगर इस सूजन का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह लंबे समय तक नुकसान पहुंचाती है और लीवर सिरोसिस का कारण बनती है। ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस आमतौर पर महिलाओं में देखा जाता है और इसके लक्षणों में थकान, जोड़ों में दर्द और पीलिया शामिल हो सकते हैं। उपचार के बिना, यह बीमारी लीवर की संरचना को स्थायी रूप से नष्ट कर सकती है।
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लीवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते हैं, जिससे निदान में देरी हो सकती है। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:-
1. लगातार थकान और कमज़ोरी
2. भूख न लगना और वज़न कम होना
3. पीलिया (त्वचा और आँखों का पीला पड़ना)
4. त्वचा में खुजली
5. पेट में दर्द या सूजन
6. आसानी से चोट लगना या खून बहना
लीवर सिरोसिस को रोकने के लिए समय पर निदान और जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी हैं। आइए जानते हैं आपको क्या उपाय करने चाहिए।
1. शराब से परहेज़: शराब का अत्यधिक सेवन लीवर को नुकसान पहुँचाता है। इसलिए, इस बुराई से पूरी तरह बचना ज़रूरी है।
2. स्वस्थ आहार: संतुलित और कम वसा वाला आहार लें। फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज लीवर के लिए अच्छे होते हैं।
3. नियमित जांच: अगर आपको ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस या अन्य जोखिम कारक हैं, तो नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं।
4. वायरल हेपेटाइटिस की रोकथाम: हेपेटाइटिस बी और सी के लिए टीका लगवाएं और सुरक्षात्मक आदतें अपनाएं।
5. दवाओं का सावधानी से उपयोग करें: डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें, क्योंकि कुछ दवाएं लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
6. वजन पर नियंत्रण: मोटापा फैटी लिवर रोग का कारण बन सकता है, इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें।
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