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Shab-E-Barat Mubarak wishes: शब ए बारात 2019 के मौके पर इन फेसबुक, व्हाट्सएप मैसेज और शायरी से दें मुबारकबाद

Shab-E-Barat Mubarak wishes: पवित्र महीने रमजान से 15 दिन पहले आने वाले शब ए बारात देशभर में 20 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है. इस पवित्र मौके पर लोग जमकर एक दूसरे को फेसबुक, व्हाट्सएप समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म और एसएमएस के जरिए शब ए बारात विशेज मैसेज और शायरी भेजकर अपनी शुभकामनाएं भेज रहे हैं.

Shab-E-Barat Mubarak wishes
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  • Last Updated: April 20, 2019 18:35:36 IST

नई दिल्ली. देशभर में 20 अप्रैल को शब ए बारात 2019 मनाया जाएगा. शब ए बारात रमजान के पवित्र महीने से शुरु होने 15 रोज पहले मनाया जाता है. शब और बारात दो शब्दों से मिलकर बने शब ए बारात में शब्द का मतलब ”रात” होता है, जबकि बारात का अर्थ है ”बरी” होना. ईद और रमजान से पहले आने वाले शब ए बारात में मुस्लिम रातभर नमाज पढ़कर दुआ करते हैं. इसके साथ ही एक-दूसरे को शब ए बारात की मुबारकबाद देते हैं. वहीं लोग फेसबुक, व्हाट्सएप समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म और एसएमएस के जरिए शब ए बारात विशेज मैसेज और शायरी भेजकर अपनी शुभकामनाएं भेज रहे हैं.

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक शब ए बारात की रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह रात बेहद फजीलत (महिमा) की रात मानी जाती है. शब ए बारात की रात मुसलमान लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और दुआएं मांगते हुए अपने गुनाहों की तौबा करते हैं.

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Shab-E-Barat के लिए शायरी

1. रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब ए बारात मुबारक

2. कबूलियत की आप पे बरसात हो,
खुशियों से आपकी मुलाकात हो,
कोई ख्वाहिश न रहे बाकी,
ऐसा मुबारक ये शबान का चांद हो
शबान मुबारक

3. या अल्लाह, मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफ़ी जिसके बाद गुनाह ना हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद बीमारी ना हो,
ऐसी राजा जिसके बाद कोई नाराज़गी ना हो,
शब-ए-बारात मुबारक!

4. शब-ए-बारात की पाक रात में,
अल्लाह आप पर मेहरबान हों,
आपके दामन में खुशियां ही खुशियां हों,
मुबारक हो आपको शब-ए-बारात!

जानिए शब-ए-बारात का मतलब?
उर्दू में शब का अर्थ रात है और बारात एक अरबी शब्द है जिसका मतलब मुक्ति या मासूमियत है. शब ए बारात को वो पवित्र रात है जिसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहम बरसाते हुए उन्हें हर पाप के लिए माफ कर देता है. इसी वजह से शब ए बारात को मोक्ष की रात भी कही जाती है.

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