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Soap Category: जानें टॉयलेट सोप और बादिंग सोप में क्या है अंतर

  नई दिल्ली। आजकल मार्केट में कई प्रकार के बॉडीवाश आ गए है, जिसके बाद से लोगों के घर के बाथरूम में धीरे-धीरे साबुन खत्म होते जा रहे हैं. हालांकि, अब भी कुछ घर और गांवो में रेड और ऑरेंज साबुन ने अपनी जगह बना रखी है. गौरतलब है कि आधे साबुन टॉयलेट सोप की […]

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  • Last Updated: September 10, 2022 14:43:52 IST

 

नई दिल्ली। आजकल मार्केट में कई प्रकार के बॉडीवाश आ गए है, जिसके बाद से लोगों के घर के बाथरूम में धीरे-धीरे साबुन खत्म होते जा रहे हैं. हालांकि, अब भी कुछ घर और गांवो में रेड और ऑरेंज साबुन ने अपनी जगह बना रखी है. गौरतलब है कि आधे साबुन टॉयलेट सोप की कैटिगरी में आते हैं.

टॉयलेट और बादिंग सोप के अंतर

साबुनों को उनके इंग्रीडिएंट के आधार पर कैटगराइज किया जाता है. साबुन में एक टीएफएम वैल्यू होती है जिसे टोटल फैटी मैटर कहते है. ग्रेड 1 साबुन में 76 से ज्यादा टीएफएम होता है
ग्रेड 2 में 70 से ज्यादा
ग्रेड 3 में 60 से ज्यादा
ग्रेडिंग के अनुसार ग्रेड 1 को छोड़ दिया जाए तो बाक़ी ग्रेड के साबुन टॉयलेट सोप की कैटगिरी में आएंगे. ग्रेड 1 की कैटगिरी में जो भी साबुन आते है वो बादिंग सोप की कैटगिरी में आएंगे.

ग्रेड वन साबुन में टीएफएम क्यों ज्यादा होता है

ग्रेड 1 के साबुनों में टीएफएम ज्यादा होता है. यह आपके शरीर को सॉफ़्ट बनाने का काम करता है. कई सफेद और थोड़े महंगे साबुनों में अपने इस अंतर को देखा होगा. इन साबुन में मॉइश्चराइजिंग के लिए कई अलग तरह के इंग्रीडिएंट्स का उपयोग किया जाता है.

कैसे अंतर पहचानें

सबसे सही तरीका दोनों साबुनों के अंतर को पहचानने का यह है कि आप इसके टीएफएम और इंग्रीएडेंट को पढ़े और साबुन के रैपर पर साफ- साफ लिखा होता है कि वह टॉयलेट सोप है.

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