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इन जगहों पर होने वाले दर्द की वजह है नसों में जमी वसा, पहचानिए हाई कोलेस्ट्रॉल का ये संकेत

नई दिल्ली: नसों में जब वसा का जमना शुरू होता है तो इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है और ये खतरे का संकेत होता है। इसलिए इन संकेतों को पहचान कर जल्द इलाज शुरू कर देना चाहिए। बिगड़ी लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी न रहने के वजह से नसों में वसा का जमाव शुरू हो […]

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  • Last Updated: August 14, 2022 12:46:47 IST

नई दिल्ली: नसों में जब वसा का जमना शुरू होता है तो इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है और ये खतरे का संकेत होता है। इसलिए इन संकेतों को पहचान कर जल्द इलाज शुरू कर देना चाहिए।

बिगड़ी लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी न रहने के वजह से नसों में वसा का जमाव शुरू हो जाता है। यही आगे चलकर हाई कोलेस्ट्रॉल का वजह बनता है जिससे अन्य बीमारियां जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट अटैक, ट्रिपल वेसेल डिजीज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

खून में कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल?

तय मानको के अनुसार हेल्दी एडल्ट्स में 200 मिलीग्राम/डीएल तक कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए, अगर यही लेवल 240 मिलीग्राम/डीएल से अधिक हो जाए तो समझ जाएं कि खतरा बढ़ चुका है, आप अपनी जीवनशैली और खान पान में बदलाव लाने की जरूरत है।

कहीं आपको पेरिफेरल आर्टरी डिजीज तो नहीं?

खून में अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाए तो पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इससे धमनियां धिरे-धिरे सिकुड़ने लगती हैं जिससे ब्लड सही से शरीर के हर अंग तक नहीं पहुंच पाता।

शरीर के इन हिस्सों में होता है तेज दर्द

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होना शरीर में खून का प्रवाह रुकावट होता है। अगर आपके कूल्हों, पैरो और जांघों में तेज दर्द बना रहता है तो ये संकेत हाई कोलेस्ट्रॉल के हो सकते है। ऐसा होने पर तुरंत अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में दिए गए सुझाए और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। इनखबर इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।

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