नई दिल्ली: बाजरे की रोटी भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। यह फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर होती है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। हालांकि, हर किसी के लिए बाजरे की रोटी फायदेमंद नहीं होती। कुछ विशेष परिस्थितियों में इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। आइए एक्सपर्ट्स की राय से जानें कि किन लोगों को बाजरे की रोटी से परहेज करना चाहिए।
जो लोग हाइपोथायरॉइडिज्म से पीड़ित हैं, उन्हें बाजरे की रोटी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। बाजरे में गोइट्रोजन (Goitrogens) नामक तत्व पाया जाता है, जो थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा उत्पन्न कर सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, थायरॉइड के मरीजों को बाजरे के बजाय अन्य अनाज जैसे गेहूं या जौ का उपयोग करना चाहिए।
बाजरे में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। किडनी की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को पोटैशियम की मात्रा को नियंत्रित रखने की सलाह दी जाती है। यदि पोटैशियम का स्तर शरीर में अधिक हो जाए, तो यह किडनी की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, किडनी के मरीजों को बाजरे की रोटी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
बाजरे की रोटी को पचाना अपेक्षाकृत कठिन होता है, इसलिए जिन लोगों को अपच, एसिडिटी या गैस की समस्या रहती है, उन्हें इसका सेवन कम करना चाहिए। बाजरे का ग्लूटेन-मुक्त (Gluten-Free) होने के बावजूद, यह पेट पर अधिक दबाव डाल सकता है और पाचन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
हालांकि बाजरे की रोटी कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली होती है, लेकिन इसे अधिक मात्रा में खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए और अन्य पौष्टिक अनाज जैसे रागी या ज्वार को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
कुछ लोगों को बाजरे से एलर्जी हो सकती है। यह एलर्जी गले में खुजली, स्किन रैशेस, या सांस लेने में दिक्कत के रूप में प्रकट हो सकती है। यदि ऐसा कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बाजरे का सेवन बंद कर दें।
हालांकि गर्भवती महिलाओं के लिए बाजरा ऊर्जा और पोषण का अच्छा स्रोत है, लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में खाने से अपच और भारीपन महसूस हो सकता है। गर्भावस्था में किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन संतुलित मात्रा में करना आवश्यक है।
बाजरे की रोटी को अच्छी तरह पकाएं, ताकि इसे पचाना आसान हो। इसे अन्य अनाज जैसे गेहूं या मकई के आटे के साथ मिलाकर खाएं। बाजरे के साथ घी का सेवन करें, जिससे पाचन आसान हो सके। यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है, तो इसे आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
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