नई दिल्ली: फैटी लिवर, जिसे चिकित्सकीय भाषा में हेपेटिक स्टीटोसिस कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। प्रारंभिक चरण में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता है, शरीर में विभिन्न प्रकार के दर्द और असुविधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
फैटी लिवर के कारण पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में, विशेषकर पसलियों के नीचे, तीव्र या मद्धम दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द समय-समय पर बढ़ या घट सकता है। लिवर के बढ़ने से वह उन नसों को प्रभावित कर सकता है जो कंधे से जुड़ी होती हैं, जिससे दाएं कंधे में दर्द हो सकता है। कुछ मामलों में, लिवर की कार्यक्षमता में कमी के कारण पैरों और जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है। इसके अलावा अगर आपको अगर दाएं रिब के नीचे दर्द हो रहा है या आपको काफी असहज महसूस हो रहा है तो यह फैटी लिवर का एक लक्षण भी हो सकता है। यह लिवर में इन्फ्लेमेशन के कारण हो सकता है।
इसके अलावा आप को स्किन और बालों से जुड़ी कुछ समस्या भी फैटी लिवर के कारण हो सकती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण ऐसा हो सकता है। आपकी स्किन जिस जिस भाग से फोल्ड होती है उस उस भाग में आपकी स्किन डार्क हो सकती है। जैसे जैसे फैटी लिवर गंभीर स्टेज की ओर जाने लगता है वैसे वैसे आपको भूख कम लगने लगती है और आप को खाने से मितली आने लगती है। इसके अलावा भी पेट से जुड़ी कुछ अन्य समस्याओं का आप को सामना करना पड़ सकता है जैसे पेट दर्द होना।
लिवर की कार्यक्षमता में कमी से शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित होता है, जिससे बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम हो सकता है और कमजोरी महसूस हो सकती है। लिवर की समस्याओं के कारण शरीर में खुजली की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो समय के साथ बढ़ सकती है। फैटी लिवर के कारण भूख कम लगना और मतली जैसा महसूस होना आम है।
फैटी लिवर का मुख्य कारण अत्यधिक शराब का सेवन है, लेकिन यह उन लोगों में भी हो सकता है जो शराब नहीं पीते। अन्य कारणों में मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल, टाइप 2 डायबिटीज, और खराब जीवनशैली शामिल हैं। फैटी लिवर से बचाव के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और शराब का सेवन कम करना महत्वपूर्ण है। यदि आप उपरोक्त लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें, क्योंकि समय पर उपचार से लिवर की गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
Also Read…