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संतान प्राप्ति के लिए कितना होना चाहिए स्पर्म काउंट? इसे बढ़ाने का क्या है सही तरीका

शुक्राणुओं की कम संख्या या खराब गुणवत्ता, पुरुष बांझपन का कारण बन सकता है। ऐसे में आप सोच रहे होंगे की बच्चा पैदा करने के लिए स्पर्म की कितनी मात्रा होनी चाहिए? तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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  • Last Updated: February 18, 2025 10:54:10 IST

Sperm Count :बच्चा पैदा करने के लिए एक स्वस्थ शरीर के साथ स्पर्म की सही मात्रा भी मायने रखती है। शुक्राणुओं की कम संख्या या खराब गुणवत्ता, पुरुष बांझपन का कारण बन सकता है। ऐसे में आप सोच रहे होंगे की बच्चा पैदा करने के लिए स्पर्म की कितनी मात्रा होनी चाहिए? तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

बच्चा पैदा करने के लिए स्पर्म की सही मात्रा

बच्चा पैदा करने के लिए स्पर्म काउंट का महत्वपूर्ण योगदान है। पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता, दोनों ही गर्भधारण की प्रक्रिया पर प्रभाव डालते हैं। सामान्य रूप से, यदि एक पुरुष का स्पर्म काउंट 15 मिलियन से अधिक शुक्राणु प्रति मिलीलीटर होता है, तो उसे सामान्य माना जाता है। इसके अलावा, एक स्वस्थ पुरुष का शुक्राणु काउंट औसतन 39 मिलियन से अधिक शुक्राणु होना चाहिए।

स्पर्म काउंट में कमी से दिक्कत?

स्पर्म काउंट में कमी, जिसे ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है, गर्भधारण में समस्या का कारण बन सकता है। इससे पुरुष की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है और गर्भवती होने के लिए महिला को संघर्ष करना पड़ सकता है। हालांकि, केवल स्पर्म काउंट ही एकमात्र निर्णायक तत्व नहीं है। शुक्राणुओं की गुणवत्ता, उनकी गतिशीलता, और आकार भी अहम भूमिका निभाते हैं। यदि शुक्राणु गतिशील नहीं होते या उनका आकार असामान्य होता है, तो गर्भधारण की संभावना कम हो सकती है, भले ही स्पर्म काउंट सामान्य हो।

स्पर्म बढ़ाने का सही तरीका

  • स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखना चाहिए।
  • सही और पौष्टिक आहार का सेवन स्पर्म की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है।
  • फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, अनाज और प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें।
  • विटामिन C, विटामिन E, जिंक, और फॉलिक एसिड जैसे तत्व स्पर्म उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इनका सेवन फल और सब्जियों से करें या डॉक्टरी सलाह पर सप्लीमेंट्स लें।
  • अधिक वजन या मोटापा स्पर्म की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, स्वस्थ वजन बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • मानसिक तनाव भी स्पर्म की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। योग, ध्यान और नियमित विश्राम से तनाव को कम किया जा सकता है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करना, जैसे हल्की दौड़, तैराकी या योग, सेहत को बेहतर बनाता है और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित रखता है।
  • धूम्रपान और अत्यधिक शराब सेवन से स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इन्हें पूरी तरह से छोड़ना लाभकारी हो सकता है।
  • कुछ जड़ी-बूटियां जैसे अश्वगंधा, शतावरी और त्रिफला का सेवन भी स्पर्म की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है। लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
  • पर्याप्त और गहरी नींद लेने से हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है, जो स्पर्म उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
  • अंडकोष को अधिक गर्मी से बचाना महत्वपूर्ण है, जैसे गर्म पानी में स्नान, लैपटॉप को घुटनों पर रखना।