Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • मुरादाबाद में सालों से रह रहीं 22 पाकिस्तानी महिलाएं, 95 बच्चे, 500 से अधिक परिवार के सदस्य, अब जांच में लगा खुफिया तंत्र

मुरादाबाद में सालों से रह रहीं 22 पाकिस्तानी महिलाएं, 95 बच्चे, 500 से अधिक परिवार के सदस्य, अब जांच में लगा खुफिया तंत्र

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां 22 पाकिस्तानी महिलाएं दशकों से अपने परिवारों के साथ रह रही हैं. पुलिस और खुफिया तंत्र की जांच में पता चला है कि इन महिलाओं के 95 बच्चे हैं और उनके परिवारों में कुल 500 से अधिक सदस्य हैं. इनके आधार और राशन कार्ड तो बन गए हैं. लेकिन इन्हें अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है. पहलगाम हमले के बाद इनके वीजा और पाकिस्तान से संबंधों की गहन जांच शुरू हो गई है.

Pakistani Women in moradabad
inkhbar News
  • Last Updated: May 5, 2025 17:24:44 IST

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां 22 पाकिस्तानी महिलाएं दशकों से अपने परिवारों के साथ रह रही हैं. पुलिस और खुफिया तंत्र की जांच में पता चला है कि इन महिलाओं के 95 बच्चे हैं और उनके परिवारों में कुल 500 से अधिक सदस्य हैं. इनके आधार और राशन कार्ड तो बन गए हैं. लेकिन इन्हें अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है. पहलगाम हमले के बाद इनके वीजा और पाकिस्तान से संबंधों की गहन जांच शुरू हो गई है.

मुरादाबाद में ब्याही गईं 22 पाकिस्तानी महिलाएं

भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद लोगों के बीच निजी रिश्ते कायम रहे. मुरादाबाद में 22 पाकिस्तानी महिलाओं ने भारतीय पुरुषों से शादी की और यहां बस गईं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं दशकों से जिले में रह रही हैं. कुछ 50 साल से भी अधिक समय से मुरादाबाद में हैं. जबकि दो महिलाएं चार साल पहले शादी के बाद आईं. इन महिलाओं ने न केवल यहां परिवार बसाया बल्कि उनके बच्चे और पोते-पोतियों ने परिवारों की संख्या को 500 से अधिक कर दिया.

95 बच्चे और बढ़ता परिवार

पुलिस जांच के अनुसार इन 22 महिलाओं के कुल 95 बच्चे हैं. मुगलपुरा क्षेत्र की एक महिला के सबसे अधिक नौ बच्चे हैं. इनमें से कई बच्चों की शादी हो चुकी है और उनके भी बच्चे हैं. लगभग 35% महिलाएं अब दादी बन चुकी हैं. जिनके पोते-पोतियां भी बालिग हो गए हैं. इन परिवारों के 500 से अधिक सदस्य अब मुरादाबाद में रह रहे हैं. खास बात यह है कि इनमें से कई लोग पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों के संपर्क में हैं. जिसे लेकर पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.

आधार और राशन कार्ड बने, नागरिकता नहीं

इन सभी 22 पाकिस्तानी महिलाओं के पास आधार कार्ड और राशन कार्ड हैं और वे सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रही हैं. हालांकि ये सभी अभी भी दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर रह रही हैं और किसी को भी भारतीय नागरिकता नहीं मिली है. कई महिलाओं ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई. इसके विपरीत उनके बच्चों को भारतीय नागरिकता प्राप्त है क्योंकि वे भारत में जन्मे हैं. यह स्थिति कानूनी और प्रशासनिक रूप से जटिल है क्योंकि मां पाकिस्तानी नागरिक हैं. जबकि बच्चे भारतीय.

पहलगाम हमले के बाद बढ़ी निगरानी

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले जिसमें 26 लोग मारे गए. जिसके बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी अल्पकालिक वीजा रद्द कर दिए. सरकार ने 27 अप्रैल तक ऐसे नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया. जबकि दीर्घकालिक वीजा वालों की निगरानी बढ़ा दी गई. मुरादाबाद में 24 पाकिस्तानी नागरिक हैं जिनमें 22 महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं. इनमें से दो महिलाएं अल्पकालिक वीजा पर हैं और उन्होंने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया है. पुलिस अब इनके पारिवारिक संबंधों, पाकिस्तान से संपर्क और वीजा स्थिति की गहन जांच कर रही है.

  • इन महिलाओं के पाकिस्तान में रिश्तेदारों के साथ संपर्क की आवृत्ति और प्रकृति.
  • 95 बच्चों की वर्तमान गतिविधियां और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति.
  • आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों की प्रामाणिकता की प्रक्रिया.
  • क्या इन परिवारों का कोई आतंकी गतिविधियों से संबंध है.

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली है लेकिन डेटा संकलन और सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है. इस मामले ने सामाजिक और राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है. बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए जनसंख्या नियंत्रण और अवैध प्रवास पर सवाल उठाए. सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा में है. जहां कुछ लोग इसे सुरक्षा चूक मान रहे हैं तो कुछ इसे मानवीय और कानूनी जटिलता के रूप में देख रहे हैं.

मुरादाबाद में इन 22 पाकिस्तानी महिलाओं और उनके परिवारों की स्थिति अब खुफिया तंत्र और प्रशासन के रडार पर है. दीर्घकालिक वीजा पर रहने के बावजूद इनके नागरिकता आवेदनों और पाकिस्तान से संबंधों की जांच महत्वपूर्ण होगी. यह मामला न केवल मुरादाबाद बल्कि पूरे देश में पाकिस्तानी नागरिकों की स्थिति और नागरिकता नीतियों पर व्यापक बहस को जन्म दे सकता है.

यह भी पढे़ं-  पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा कदम, पाकिस्तान के साथ डाक और पार्सल सेवा पर पूरी तरह बंद!