नई दिल्ली: बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 10 स्वदेशी परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि प्रत्येक रिएक्टर में 7000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता होगी.
बता दें कि वर्तमान में 22 संयंत्रों से 6780 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता भारत के पास है. हालांकि, एक और 6700 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा परियोजना पर काम चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि ये योजना साल 2021-22 तक पूरी हो जाएगी.
इन 10 रिएक्टर्स के लिए घरेलू उद्योग को 70,000 करोड़ रुपये दिये जाएंगे, जिससे उर्जा क्षमता में 7000 मेगावॉट की वृद्धि होगी. खास बात ये है कि इस परियोजना को मेक इन इंडिया के बैनर तले पूरा किया जाएगा. इस फैसले से परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के में भारतीय परमाणु उद्योग को बदलने में मदद करेगी.
भारत के पास 22 परिचालन संयंत्रों से 6780 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है. एक और 6700 मेगावाट का परमाणु ऊर्जा परियोजना के तहत 2021-22 तक प्रोजेक्ट्स के जरिए आने की उम्मीद है.
इतना ही नहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 33,400 से अधिक नौकरियां पैदा हो जाएंगी. घरेलू उद्योग के निर्माण के आदेश के साथ, यह एक प्रमुख परमाणु विनिर्माण बिजलीघर के रूप में भारत की पहचान मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
सरकार के मुताबिक, ‘न्यूक्लियर मैन्युफैक्चरर के तौर पर ये इंडिया की पहचान को और ज्यादा मजबूत करेगा. साथ ही इन रिएक्टर्स को मंजूरी देने से साफ होता है कि हमारा देश के वैज्ञानिक समुदाय की क्षमता पर पूरा भरोसा है.