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तेज बुद्धि पाना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद की इन दो बातों पर करें अमल

आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि है, आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी ऐसी बाते बताएंगे जिन्हें जानने के बाद और इन्हें अमल करने के बाद आपकी भी जिंदगी में भी निश्चित रूप से परिवर्तन आएगा.

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  • Last Updated: July 4, 2017 05:41:27 IST
नई दिल्ली : आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि है, आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी ऐसी बाते बताएंगे जिन्हें जानने के बाद और इन्हें अमल करने के बाद आपकी भी जिंदगी में भी निश्चित रूप से परिवर्तन आएगा.
 
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी, उनका जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता में हुआ था. क्या आप जानते हैं कि उनका असली नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वह अपने तेज बुद्धि एवं स्मरण शक्ति के लिए जाने जाते थे. वह तेज बुद्धि के लिए दो बातों का पालन करते थे, स्वामी विवेकानंद के मुताबिक, ध्यान और ब्रह्मचर्य का पालन कर हम अपने मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ा सकते हैं.
 
स्वामी विवेकानंद को जाने थोड़ा करीब से
 
स्वामी विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट में एक वकील थे और उनके दादा जी दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी के विद्वान थे.
 
बता दें कि हर साल की 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. सन् 1893 में स्वामी विवेकानंद ने भारत के प्रतिनिधि के रूप में शिकागो, अमेरिका में विश्व धर्म परिषद् में हिस्सा लिया था. बता दें कि विवेकानंद जी के विचारों से प्रभावित होकर विदेशी मीडिया ने उन्हें साइक्लॉनिक हिन्दू नाम दिया था.
 
5 साल से भी ज्यादा समय तक उन्होंने लंदन और पेरिस में जमकर व्याख्यान दिए. सन् 1897 में उन्होंने ‘लीग ऑफ़ नेशन्स’ की स्थापना की थी और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गठबंधनों और कानूनों का आह्वान किया. 
 

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