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स्वदेशी बोफोर्स तोपों में चीनी कल-पुर्जे लगाए जाने के मामले में CBI ने दर्ज की FIR

आर्मी के इस्तेमाल के लिए बन रही स्वदेशी बोफोर्स तोपों के लिए चीन में बने कल-पुर्जों की आपूर्ति दरअसल ‘मेड इन जर्मनी’ बताकर की जा रही थी लेकिन इसमें चाइनीज स्पेयर पार्ट्स लगाए जा रहे थे.

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  • Last Updated: July 22, 2017 05:19:17 IST
नई दिल्ली : भारतीय सेना के साथ एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आर्मी के इस्तेमाल के लिए बन रही स्वदेशी बोफोर्स तोपों के लिए चीन में बने कल-पुर्जों की आपूर्ति दरअसल ‘मेड इन जर्मनी’ बताकर की जा रही थी लेकिन इसमें चाइनीज स्पेयर पार्ट्स लगाए जा रहे थे.
 
इस धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने दिल्ली आधारित एक कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. CBI ने देश की राजधानी दिल्ली में ‘सिद्ध सेल्स सिंडीकेट’ और ‘गन्स कैरिज फैक्ट्री’ (GSF) जबलपुर के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ जालसाजी, साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. 
 
 
सीबीआई को मिली जानकारी के अनुसार जर्मनी की कंपनी वायर रेस रोलर बियरिंग नहीं बनाती है. सिद्ध सेल्स सिंडिकेट ने इन्हें चीन में हेनान स्थित कंपनी साइनो यूनाइटेड इंडस्ट्रीज लि. से हासिल किया. सिद्ध सेल्स ने जर्मनी की कंपनी से प्राप्त जो पत्र दिखाया है वह भी फर्जी है। जर्मनी से मिला प्रमाण-पत्र भी फर्जी है. 
 
प्राथमिकी में कहा गया है कि ऐसी चार बियरिंग के लिए निविदा जारी की गई थी. 2013 में 35.38 लाख रूपये मूल्य का ऑर्डर सिद्ध सेल्स सिंडिकेट को दिया गया. कंपनी ने सात अप्रैल, 2014 और 12 अगस्त, 2014 के बीच तीन मौकों पर दो-दो बियरिंग की आपूर्ति की गई. सात अगस्त, 2014 को ऑर्डर बढ़ाकर छह बियरिंग का कर दिया गया जिसका मूल्य 53.07 लाख रूपये हो गया. 
 
बता दें कि बोफोर्स तोप का स्वदेशी वर्जन धनुष है. 1999 में हुए पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध में बोफोर्स तोपों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर दुश्मनों को ध्वस्त कर दिया था.

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