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JNU वाले कन्हैया ने ट्रॉल्स से कहा, गाली दो पर गाली देने की पगार 30 हजार तो लो

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके साथी उमर खालिद के साथ स्टैंड ऑप कॉमेडियन कुणाल कमरा की बातचीत का करीब 40 मिनट का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रखा है. इसमें सवाल तो वही गंभीर और पुराने हैं लेकिन उनका जवाब थोड़ा चटपटा और चुटीला है.

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  • Last Updated: August 5, 2017 12:32:36 IST
नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके साथी उमर खालिद के साथ स्टैंड ऑप कॉमेडियन कुणाल कमरा की बातचीत का करीब 40 मिनट का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रखा है. इसमें सवाल तो वही गंभीर और पुराने हैं लेकिन उनका जवाब थोड़ा चटपटा और चुटीला है.
 
शुरुआत में ही जब टॉक शो के हॉस्ट कुणाल कामरा कन्हैया से कहते हैं कि अब हम सिर्फ बात करेंगे तो कन्हैया का चुटीला जवाब आता है, “इस देश में आजकल सिर्फ बातें ही होती हैं.” इस पर हॉस्ट कहता है कि आप लोगों को आजकल कोई बात करने नहीं देता तो आप खुलकर यहां बात कर सकते हैं. 
 
 
हॉस्ट की इस चुटकी पर कन्हैया कहते हैं, “ये बात आप ठीक कह रहे हैं. हर किसी को अपने मन की बात कहने की आजादी नहीं है. प्रधानमंत्री जी को है. और आजकल बातों का कुछ ऐसा सिलसिला है कि अगर आपको मेरी बात पसंद नहीं है तो आप बोलने नहीं देंगे.”
 
हॉस्ट कुणाल फिर फेसबुक और ट्वीटर पर ट्रॉल्स की गालियों पर बात शुरू करते हैं तो उमर खालिद कहते हैं, “जो गाली देने आते हैं उनमें 4 में से 3 की प्रोफाइल में जाकर देखेंगे तो पता चलेगा कि नो फ्रेंड्स, नो फोटो, नो एक्टिविटी. ये सारे फेक प्रोफाइल हैं. कुछ लोगों को इस बात के लिए वहां खड़ा किया गया है.”
 
 
फिर कन्हैया उसमें जोड़ते हैं, “जब ये सरकार बनने वाली थी तब एक रिपोर्ट आया था कि पहले पेज किसी और नाम से थे. जैसे युवा मंच टाइप के नाम थे. बाद में लोग उससे जुड़ते रहे, जुड़ते रहे. उसके लाइक्स बढ़ते रहे. जब चुनाव होने वाले थे तब अचानक से उनके नाम बदल गए. हिन्दू युवा वाहिनी, गौरक्षक समिति. ये बहुत कंट्रोल्ड प्रोपेगेंडा है.”
 
कन्हैया आगे कहते हैं, “मैं कभी उनको गलत नहीं कहता. इस देश में इतनी बेरोजगारी है. किसी को अगर गाली देने का ही रोजगार मिला है तो चलो रोजगार मिला है वो ठीक है. लेकिन दिक्कत क्या है ना कि बहुत कम पैसे में गाली दे रहे हैं. मतलब 3000 में देते हैं. गाली ही दे रहे हो तो 30 हजार लो.”

 
कन्हैया कंटीन्यू रहते हैं, “बोलो कि देखो गाली तो देंगे लेकिन 30 हजार लेंगे. मिनिमम वेज तो दे. मिनिमम वेज का वहां सवाल होना चाहिए. 8 घंटा का बाकायदा काम हो. उसमें वीकेंड की छुट्टी हो. 8 घंटे के बाद अगर 4 घंटा और काम करते हैं तो ओवरटाइम मिलना चाहिए. कम से कम वहां तो लेबर लॉ ठीक से लागू हो.”
 
 
40 मिनट लंबी इस बातचीत में कन्हैया और उमर खालिद के साथ कुणाल कामरा की बातचीत के बीच-बीच में कुछ समाचार चैनलों, नेताओं या घटनाओं के फुटेज भी डाले गए हैं जिससे बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके. पूरी परिचर्चा गंभीर मसलों पर हास्य-विनोद के माहौल में हुई है जो इस बातचीत की खास बात है.

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