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गोरखपुर हादसे पर बोले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, यह घटना हादसा नहीं एक नरसंहार है

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर जिले के BRD मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को नरसंहार बताया है. सत्यार्थी ने ट्विटर पर लिखा कि बिना ऑक्सीजन के 30 बच्चों की मौत हादसा नहीं, हत्या है. हमारे बच्चों के लिए आजादी के 70 वर्षों का क्या यही मतलब है.

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  • Last Updated: August 12, 2017 15:36:53 IST
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर जिले के BRD मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को नरसंहार बताया है. सत्यार्थी ने ट्विटर पर लिखा कि बिना ऑक्सीजन के 30 बच्चों की मौत हादसा नहीं, हत्या है. हमारे बच्चों के लिए आजादी के 70 वर्षों का क्या यही मतलब है.
 
कैलाश स्तायार्थी ने एक और ट्वीट में सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए लिखा कि आपका एक निर्णायक हस्तक्षेप दशकों से चली रही भ्रष्ट स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक कर सकती है ताकि ऐसी घटनाओं को आगे रोका जा सके. 
 
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में पिछले पांच दिनों के अंदर 63 बच्चों की मौत हो गई है, जिसकी वजह से पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है. 32 मौते तो पिछले 48 घंटों में ही हुई हैं, उससे पहले भी तीन दिन के अंदर ही 28 बच्चों ने दम तोड़ दिया था. हालांकि प्रशासन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है कि ये मौंते ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं.
 
 
सरकार भले ही कह रही हो को ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत नहीं हुई लेकिन इंडिया न्य़ूज की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई. इंडिया न्यूज ने अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट का दौरा किया तो पाया कि प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन की मात्रा जीरो थी. प्लांट में लगा मीटर इसकी गवाही दे रहा था.
 
सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अस्पताल का दावा था कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई लेकिन प्लांट में ऑक्सीजन की मात्रा बताने वाले मीटर ने इस दावे की कलई खोल दी. अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद जब बच्चों की मौत होने लगी तो लखनऊ, फैजाबाद से आनन फानन में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर हालात पर काबू की कोशिश हुई.
 
 
बच्चों की मौत के बाद पता चला है कि अस्पताल को ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी ने पेमेंट न होने पर लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी थी. अस्पताल को ऑक्सिजन आपूर्ति करने वाली फर्म ने एक अगस्त को मेडिकल कॉलेज को चिट्ठी लिखकर 63 लाख के बकाए भुगतान ना होने पर ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने की चेतावनी दी थी.

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