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Article 35-A पर फिर बोले फारुख अब्दुल्ला, कहा- ये J&K के लोगों की आस्था का विषय है

एक कार्यक्रम में फारूक ने कहा कि अनुच्छेद 35-ए जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए अहम है और इस पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है.

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  • Last Updated: August 29, 2017 04:18:59 IST
श्रीनगर : संविधान के अनुच्छेद 35-ए पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि ये जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आस्था का ऐसा विषय है जिस पर कोई बहस नहीं हो सकती है. अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के विशेष दर्जे की रक्षा के लिए हर लड़ाई लड़ने को तैयार है.
 
कुपवाड़ा जिले में अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में फारूक ने कहा कि अनुच्छेद 35-ए जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए अहम है और इस पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है. फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अपना एजेंडा पूरा करने के लिए हमें क्षेत्रीय एवं धार्मिक आधार पर बांटने वाले लोगों की हार होगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के हर एक नागरिक के हितों, अधिकारों एवं गरिमा की लड़ाई है, चाहे उसका धर्म, क्षेत्र, भाषा या जाति कुछ भी हो.
 
 
इससे पहले 8 अगस्त को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में अपने आवास पर राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री और नेशनल कॉन्फेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला के साथ बैठक की. यह बैठक श्रीनगर सीएम आवास पर रखी गई थी, जिसमें राज्य के वर्तमान राजनीतिक परिस्थियों पर चर्चा हुई. इसके साथ-साथ संविधान की धारा 35 ए की धारा के बारे में भी चर्चा हुई. 
 
जिस पर फारुक अब्दुल्ला ने सीएम महबूबा को सुझाव देते हुए कहा कि सीएम को इस मामले में अन्य पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करनी चाहिए जिससे की 35 ए की धारा को भंग होने से बचाया जा सके. बता दें कि नेशनल कॉन्फेंस ने पहले ही साफ कर चुका है कि वो धारा 35ए को हटाने के खिलाफ पूरे राज्य में 14 अगस्त से जागरूगता अभियान शुरू करेगा. अगर यह धारा भंग हुई तो कश्मीर, लद्दाख व जम्मू पर नकारात्मक असर पड़ेगा. 
 
क्या है अनुच्छेद 35ए
14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35 (A) जोड़ दिया गया. हालांकि, यह अनुच्छेद 370 का ही हिस्सा है. ये अनुच्छेद 35 (A) जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को ये अधिकार देता है कि वो ‘स्थायी नागरिक’ की परिभाषा तय कर सके और उनकी पहचान कर विभिन्न विशेषाधिकार भी दे सके. इस अनुच्छेद के अंतर्गत जम्मू कश्मीर का नागरिक वही कहलाएगा जो वहां पैदा हुआ होगा. जम्मू कश्मीर में संपत्ति केवल जम्मू-कश्मीर का नागरिक ही खरीद सकता है, भारत के अन्य राज्य का कोई नागरिक वहां संपत्ति नहीं खरीद सकता.

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