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257 मौतों का गुनहगार अबू सलेम को इस वजह नहीं हुई फांसी की सजा

12 मार्च 1993 के मुंबई में सीरियल ब्लास्ट में टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत दो को उम्रकैद, इनमें से दो ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को फांसी और एक को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था.

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  • Last Updated: September 7, 2017 13:05:38 IST
नई दिल्ली: 12 मार्च 1993 के मुंबई में सीरियल ब्लास्ट में टाडा कोर्ट ने अबू सलेम समेत दो को उम्रकैद, इनमें से दो ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को फांसी और एक को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था. प्रत्यर्पण संधि के चलते कोर्ट सलेम को फांसी नहीं दे सकता था. सरकारी वकील उज्जवल निकम ने बताया ति प्रत्यर्पण संधि के तहत अबू सलेम को फांसी की सजा नहीं मांग सकते थे इसलिए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई. सलेम के मामले को लेकर भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि और समझौते की अहम भूमिक रही है. भारत ने तीन साल जारी रही कानून लड़ाई के बाद अबू सलेम और मोनिका बेदी को लिस्बन से भारत लाने में कामयाबी हासिल की थी.
 
सितंबर 2002 में लिस्बन पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों पर सफर करने की वजह से सलेम और मोनिका को गिरफ्तार कर लिया था. उस वक्त भारत और पुर्तगाल के बीच कोई संधि नहीं थी. इस वजह से सलेम को भारत लाने के लिए नवंबर 2005 तक का इंतजार करना पड़ा. अबु सलेम को भारत प्रत्यर्पण करते वक्त पुर्तगाल ने शर्त रखी थी कि उसे सजा-ए-मौत या 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं सुनाई जा सकती. बता दें कि 24 साल बाद विशेष टाडा अदालत ने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में अबू सलेम को उम्र कैद की सजा सुनाई है. सलेम को गुजरात से हथियार मुंबई लाने, बांटने, साजिश रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का दोषी पाया गया था. सलेम 9 AK-56 राइफलें, 100 हैंड ग्रेनेड और गोलियां एक कार में छुपाकर गुजरात के भरूच से मुंबई लाया था.
 
सलेम ने कोर्ट से अपील की है कि वो अपनी सजा दिल्ली की जेल पूरी करना चाहता है क्योंकि यहां उसके एक और मामले की सुनवाई चल रही है. इसी मामले में दोषी करीमुल्लाह खान को भी उम्रकैद हुई है. उस पर हथियार और विस्फोटक टारगेट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. इसी केस में दोषी फिरोज अब्दुल राशिद खान के साथ दोषी मोहम्मद ताहिर मर्चेन्ट को फांसी हुई है. फिरोज ने हथियार और विस्फोटक एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाए थे. सीरियल ब्लास्ट के एक और दोषी रियाज सिद्दीकी को 10 साल कैद की सजा हुई. ये हथियारों को गुजरात से मुंबई लाने में सलेम का मददगार था. 12 मार्च 1993 को हुए सीरियल ब्लास्ट में 257 मौतें हुई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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