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जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों ने SC में दाखिल की याचिका, कहा- हमारा पक्ष भी सुनें

जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दाखिल की जा रही याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुना जाए.

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  • Last Updated: September 11, 2017 06:37:13 IST
नई दिल्ली : जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दाखिल की जा रही याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुना जाए.
 
जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों ने केंद्र सरकार के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है जिसमें केंद्र सरकार ने उन्हें म्यांमार वापस भेजने का फैसला किया है. 
 
वहीं रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई होने जा रही है. सोमवार को केंद्र सरकार कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्य मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सरकार से जवाब मांगा था. याचिका में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के उल्लंघन सहित कई आधार बताते हुए सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई है.
 
इसी बीच राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के नेता के एन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान न सिर्फ़ राष्ट्रीय संसाधन पर बोझ है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी हैं. 
 
के एन गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में कहा था कि देश में रह रहे रोहिंग्य मुसलमान की पहचान कर इन्हें वापस भेजा जाए. के एन गोविंदाचार्य ने उस याचिका का विरोध किया है जिसमें भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है.
 
 
इससे पहले चेन्नई के एक समूह ‘इंडिक कलेक्टिव’ ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान ‘इस्लामिक आतंक’ का चेहरा है और रोहिंग्या मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देना अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करने के समान है.
 
इंडिक कलेक्टिव ने अपनी याचिका में कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहता है कि रोहिंग्या मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देने से क्या खतरा है. इसलिए रोहिंग्या मुसलमानों से संबंधित मामले में उन्हें भी सुना जाए.
 
 
दरअसल म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमान को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद म्यांमार में हिंसा करने के बाद रोहिंग्या मुसलमान भारत भागकर आ गए हैं और जम्मू, हैदराबार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर आदि जगहों पर अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं.

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