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जब स्कूल में प्रद्युम्न की बर्बर हत्या हुई, उस वक्त स्कूल के रिसेप्शन पर खड़ा था ये शख्स

गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम प्रद्युम्न की बर्बर हत्या के चार दिन बाद भी कुछ सवाल अनसुलझे बने हुए हैं. पुलिस की जांच अपने हिसाब से चल रही है.

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  • Last Updated: September 12, 2017 17:31:42 IST
 
नई दिल्ली: गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के मासूम प्रद्युम्न की बर्बर हत्या के चार दिन बाद भी कुछ सवाल अनसुलझे बने हुए हैं. पुलिस की जांच अपने हिसाब से चल रही है.
 
कथित कातिल न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. इन सबके बीच वो चश्मदीद सामने आया है. जो प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूल के अंदर मौजूद था. वो चश्मदीद स्कूल छात्र का पिता है. जो अपने बेटे की फीस जमा करने के लिए रिसेप्शन पर खड़ा था.
 
तभी चंद कदमों की दूरी पर प्रद्युम्न की हत्या हो गई. ये वीडियो प्रद्युम्न के मर्डर के तुरंत बाद का है. ये सबूत उन पलों का है. जिसे रेयान इंटरनेशनल स्कूल प्रशासन ने मिटाने और छिपाने की भरसक कोशिश की है. ये खून के निशान उस सात साल के प्रद्युम्न की है, जिसे गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के अंदर बड़ी बेरहमी से गला रेत कर मार डाला गया.
 
ये खून के निशान उस नन्हे प्रद्युम्न के हैं. जिसका एक कतरा भी देखकर उसके मम्मी-पापा का कलेजा मुंह को आ जाता था. लेकिन रेयान इंटरनेशनल स्कूल के अंदर उस कातिल का जरा सा भी दिल नहीं पसीजा और उसने मासूम प्रद्युम्न का गला काट डाला. ये सुभाष गर्ग हैं, जिनका बेटा रेयान इंटरनेशनल स्कूल में ही पढ़ता है और इत्तफाक से वो वारदात के वक्त स्कूल में ही मौजूद थे. उन्होंने इंडिया न्यूज़ से खास बातचीत में आंखों देखा सच बताया तो कई सुलगते सवाल खड़े हो गए.
 
चश्मदीद के मुताबिक कत्ल के आरोप में जिस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया गया है. उसी ने खून से लथपथ प्रद्युम्न को उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी में रखा. अशोक की शर्ट भी खून से सनी थी. चश्मदीद ने उसे खून न धोने की सलाह दी. बावजूद इसके उसने खून से सनी शर्ट धो डाली. सवाल उठता है कि मना करने के बावजूद कंडक्टर अशोक ने खून से सनी शर्ट को क्यों साफ किया ?
 
क्या किसी के कहने पर उसने खून से सनी शर्ट को पानी से धो दिया ? सुभाष गर्ग वारदात के वक्त रिसेप्शन पर खड़े थे और जिस टॉयलेट में प्रद्युम्न की हत्या की गई. वो वहां से सिर्फ 30 से 35 कदम दूर है . लेकिन इतने करीब होने पर भी चीख की कोई आवाज नहीं आई. ये कैसे मुमकिन है कि सिर्फ 30-35 कदम दूर प्रद्युम्न का गला रेत कर कत्ल कर दिया और उसकी चीख तक नहीं निकली ?
 
कंडक्टर को मोहरा बनाने और प्रद्युम्न की हत्या में किसी और के भी शामिल होने का शक तब और गहरा जाता है. जब प्रद्युम्न के माता-पिता पुलिस-प्रशासन से कुछ चुभते सवाल करते हैं. प्रद्युम्न की हत्या के आरोपी बस कंडक्टर अशोक ने गिरफ्तारी के बाद भले ही अपना जुर्म कबूल कर लिया है. लेकिन उसके कबूलनामे और पुलिस के बयान का फर्क भी गंभीर सवाल खड़े करता है.

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